भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में शनिवार को नर्मदा नदी की स्थिति और गाय को लेकर साधु-संत आपस में भिड़ गए। पूर्व राज्यमंत्री कंप्यूटर बाबा जहां प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधते रहे वहीं दूसरी तरफ गो संवर्धन बोर्ड के प्रमुख स्वामी अखिलेश्वरानंद सरकार का बचाव करते दिखे। साथ ही अखिलेश्वरानंद ने कंप्यूटर बाबा के ही बाबा होने पर सवाल उठा दिए। दरअसल, राजधानी भोपाल में एक निजी कार्यक्रम के दौरान राज्यमंत्री पद से इस्तीफा दे चुके कंप्यूटर बाबा ने नर्मदा की दुर्दशा और बेहाल गायों की हालत का मसला उठाते हुए मुख्यमंत्री चौहान पर हमला बोला। उन्होंने चौहान पर झूठी घोषणाएं करने का आरोप लगाया।
कंप्यूटर बाबा के आरोपों का अखिलेश्वरानंद ने जवाब दिया। इस दौरान उन्होंने कंप्यूटर बाबा के ही बाबा होने पर सवाल उठा दिए। साथ ही दावा किया कि शिवराज के काल में नर्मदा और गायों की हालत में सुधार आया है। कार्यक्रम में कंप्यूटर बाबा ने शिवराज पर हमला बोलते हुए कहा, ‘नर्मदा में होने वाले अवैध खनन को रोकने का उन्होंने कोई प्रयास नहीं किया है। वह सिर्फ झूठे वादे करते रहे, जब उन्होंने नर्मदा के लिए काम नहीं किया तो मैंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।’ कंप्यूटर बाबा के आरोपों का अखिलेश्वरानंद ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि शिवराज एक संवेदनशील मुख्यमंत्री है और उन्होंने नर्मदा नदी के लिए काफी काम किया है। अखिलेश्वरानंद ने कहा, ‘अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए चौहान ने कई कदम उठाए हैं। वहीं गायों की हालत सुधारने के लिए गो अभ्यारण्य बनाए गए। गौ संवर्धन का बजट बढ़ाया गया है।’
इस मौके पर मौजूद स्वामी निमियानंद ने दोनों साधुओं के बीच हो रही बहस पर सवाल उठाए और कहा कि इस बहस से राज्य की जनता के बीच अच्छा संदेश नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि साधुओं को इससे बचना चाहिए। निमियानंद ने कहा कि राज्य में सरकार नर्मदा, गाय, मठ-मंदिर की बात करती है, मगर दुर्भाग्य है कि राज्य में सबसे ज्यादा मंदिर इसी सरकार के काल में टूटे हैं, नर्मदा की दुर्गति हुई है, गायों के लिए उपयोग में लाए जाने वाले पानी और बिजली का बिल लगता है। इतना ही नहीं, मठ-मंदिरों के संचालकों को पट्टे नहीं दिए जाते हैं।
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