बर्लिन,०४ जून। भारत में निवर्तमान जर्मन दूत वाल्टर जे लिंडनर ने कहा है कि रूसी तेल आयात के लिए भारत को दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि “हर देश का अलग-अलग इतिहास, अलग स्थिति, निर्भरताएं हैं।”
गौरतलब है कि भारतीय व्यापारी तेज़ी से सस्ता रूसी तेल प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि यूक्रेन पर उसके आक्रमण के बाद मास्को पर पश्चिमी प्रतिबंध लगाए गए हैं। जिसके कारण रूस अपने तेल के लिए नए बाजार तलाश रहा है। ऐसे में यह भारत तथा रूस दोनों के लिए एक सुनहरा मौका है। इससे जहां भारतीय व्यापारियों को विदेशी मुद्रा की बचत होगी, वहीं रूस को भी पड़ोस में एक बड़ा बाज़ार मिल जाएगा।