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मी टू के चलते बदल रहा है इंडिया इंक, एंप्लॉयीज के बीच रिश्तों पर बन रहे नए नियम

मुंबई। मी टू कैंपेन के तहत यौन उत्पीड़न के आरोपों की लगी झड़ी के चलते इंडिया इंक वर्कप्लेस पर कोड ऑफ कंडक्ट में नए सिरे से बदलाव कर रहा है। इसमें किसी दूसरी जगह पर साथ में असाइनमेंट के लिए पुरुष कर्मचारियों के साथ जा रही महिलाओं के लिए अलग-अलग होटल बुक करने से लेकर कुछ मामलों में दोनों के बीच रोमांटिक रिलेशनशिप पर रोक लगाने जैसे उपाय शामिल हैं। सबसे ऊंचे पदों पर बैठे लोगों पर सेक्सुअल हैरसमेंट के आरोपों से जहां कॉर्पोरेट इंडिया हिल गया है, वहीं लीडरशिप टीम प्रिवेंशन ऑफ सेक्शुअल हैरसमेंट ऐट वर्कप्लेस (POSH) कानून अपने यहां लागू करने में कोई कोताही नहीं बरतना चाहती।
इंडस्ट्री के जानकारों ने बताया स्टैंडर्ड चार्टर्ड, मॉर्गन स्टेनली, एक्सेंचर और कई मल्टीनैशनल कंसल्टंसीज ने वर्कप्लेस कंडक्ट को लेकर नई पॉलिसी बनाई है, जिनमें वर्कप्लेस पर रोमांटिक रिलेशनशिप को भी शामिल किया गया है। इनमें से कुछ कंपनियों ने सीनियर और जूनियर एंप्लॉयी के बीच रोमांटिक रिलेशनशिप पर रोक लगाई है, क्योंकि इसे शक्तियों के दुरुपयोग और जूनियर कर्मचारी के शोषण के तौर पर देखा जा सकता है। यहां तक कि एक ही लेवल पर काम कर रहे पुरुष और महिला कर्मचारियों के बीच रिलेशनशिप की स्थिति में कंपनियां दोनों को उसकी जानकारी एचआर डिपार्टमेंट को देने को कह रही हैं। मॉर्गन स्टेनली ने इस मामले में कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, जबकि एक्सेंचर और स्टैंडर्ड चार्टर्ड ने ईमेल से भेजे गए ईटी के सवालों का जवाब खबर लिखे जाने तक नहीं दिया था। कंपनियां दोषियों के खिलाफ कार्रवाई में भी तेजी ला रही हैं। देश की टॉप 10 लिस्टेड कंपनियों में से एक कंपनी के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर को इस मामले में दोषी पाए जाने के बाद निकाल दिया गया है। इस मामले से वाकिफ एक शख्स ने बताया कि एक फॉरेंसिक कंपनी की जांच में पता चला कि सीओओ अपनी दो जूनियर कर्मचारियों को डेट कर रहे थे। शख्स ने बताया, ‘वह कंपनी के स्टार परफॉर्मर थे, इसलिए शुरुआत में वह आसानी से बच निकले। हालांकि, #मीटू कैंपेन के बाद कंपनी कोई रिस्क नहीं लेना चाहती थी।’ कंपनियों को POSH कानून लागू करने में मदद करने वाली कंपनी अनजेंडर की मैनेजिंग पार्टनर पल्लवी पारीक ने बताया कि वर्कप्लेस पर कोड ऑफ कंडक्ट (आचार संहिता) में सबसे बड़ा बदलाव यह आया है कि अब वर्कप्लेस पर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सीधे सीनियर लीडरशिप दखल दे रही है। इससे पहले तक इसे एचआर डिपार्टमेंट के काम के रूप में देखा जाता था। मीटू मूवमेंट के चलते कई शक्तिशाली पदों पर बैठे लोगों की नौकरियां गई हैं। इनमें हालिया नाम फ्लिपकार्ट के फाउंडर बिन्नी बंसल का बताया जा रहा है। पल्लवी ने बताया कि अभी कुछ महीनों पहले तक कंपनियां अपने कर्मचारियों की औसत उम्र या उनकी पर्सनल लाइफ को लेकर कोई परवाह नहीं करती थीं। हालांकि, टॉप लीडरशिप ने कम उम्र के लोगों को हायर करने और उनके रोमांटिक रिलेशनशिप पर ध्यान देना शुरू कर दिया है।

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