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मिस्र में दिखा २,५०० साल पुराना इतिहास, मिली देवताओं से जुड़ीं कई मूर्तियां

काहिरा ,१ जून ।  मिस्र के सक्कारा में खोजी गई प्राचीन कांस्य की मूर्तियों और अच्छी तरह से संरक्षित सरकोफेगी की एक बड़ी टुकड़ी को जनता के सामने प्रदर्शनी के लिए लाया गया। पुरातत्वविदों ने अतीत में सक्कारा नेक्रोपोलिस में दफन मिस्र के राजवंशों से संबंधित अवशेषों की खोज की थी, लेकिन यह नवीतम खोज 5वीं शताबंदी पूर्व के हैं।

४ सालों से चल रहा था काम मिस्र के पुरातत्विक मिशन द्वारा साल २०१८ से ही इस पार काम किया जा रहा था। यह स्थान राजधानी काहिरा से १८ मील दूर है। बयान के मुताबिक पुरातत्वविदों को कांस्य के बर्तन भी मिले हैं। इन बर्तनों के बार में कहा जा रहा है कि इसका इस्तेमाल प्रजनन क्षमता की देवी आइसिस के लिए प्रार्थना के दौरान किया जाता था।

लकड़ी के मिले २५० ताबूत

इसके साथ ही पुरातत्व विभाग को २५० लकड़ी के ताबूत मिले हैं। इन ताबूतों पर चित्र बना हुआ है। इनके अंदर ममी मौजूद हैं। ये ताबूत ७४७ ईसापूर्व से लेकर ३३२ ईसापूर्व के बीच के हैं।

देवताओं की मिली मूर्तियां

इसमें मिस्र के देवी देवताओं बास्टेट, अनूबिस, ओसिरिस, अमुनमीन, आइसिस और हथोर के १५० से ज्यादा कांसे की मूर्ति मिली है। इसके अलावा ब्रेसलेट, नेकलेस और इयर रिंग भी मिले हैं। पुरातत्वविदों को खुदाई के दौरान मिस्र की रानी नेअरित का अंत्येष्टी मंदिर मिला है। रानी नेअरित राजा तेती की पत्नी था। राजा तेती मिस्र के छठे राजवंश के पहले फराओ थे।

इमहोटेप की भी मिली मूर्ति

खुदाई के दौरान पुरातत्वविदों को इमहोटेप की मूर्ति मिली है। इमहोटेप के बारे में माना जाता है कि वह एक बहुचर्चित आर्किटेक्ट थे और उन्होंने ४,७०० साल पुराने पिरामिडों का डिजाइन किया था। इस खोज के साथ एक अनोखी चीज ये भी है कि पिछले १०० साल में पहली बार एक भोजपत्र बिल्कुल सही सलामत मिला है।

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