नई दिल्ली,१९ जून। केंद्र सरकार पूर्वोत्तर में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इंटीग्रेटेड मल्टी-मॉडल रेल और सड़क परिवहन गलियारा बनाने जा रही है, जो देश में पहला है। इस परियोजना के तहत ब्रह्मपुत्र नदी के नीचे दो रोड ट्यूब टनल और एक रेल ट्यूब सुरंग बनाई जाएगी।
इसके अलावा, कई नई रेल लाइनों, एक लूप लाइन, एक रेलवे स्टेशन और एक स्टेशन यार्ड सहित रेल-सड़क लापता लिंक के लिए एक रेल-सड़क बुनियादी ढांचा बनाया जाएगा। इस मेगा रेल-रोड ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर की मदद से, सैन्य वाहन, रसद गोला-बारूद और सशस्त्र बल उत्तरी असम, तवांग और अरुणाचल प्रदेश की चीन सीमा तक तेज़ी से पहुंच सकते हैं।
आपको बता दें कि इस क्षेत्र में चीन की निर्माण गतिविधियों के निरंतर जारी रहने से असंतुलन की स्थिति पैदा हो गई है। जिसे दूर करने के लिए भारत सरकार सीमावर्ती इलाकों, विशेष रुप से पूर्वोत्तर सीमा के नज़दीक सड़कों और रेलवे लाइन के निर्माण पर बेहद गंभीरता और तेज़ी के साथ काम कर रही है ताकि भविष्य में किसी भी अप्रिय स्थिति में सेना तथा राहत कर्मियों को तुरंत मूव कराया जा सके।
