औगाडौगू,21 अगस्त। अफ्रीकी देश बुर्किना फासो में हुए एक आंतकी हमले में 80 लोगों की मौत हुई है। देश के राष्ट्रपति रॉच मार्क क्रिश्चियन काबोर ने तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। देश के सूचना मंत्रालय के मुताबिक, उत्तरी प्रांत सोउम में हुए इस आतंकी हमले में 65 नागरिक और 15 सैनिकों की मौत हुई है।
गौरतलब है कि यह इलाका ‘थ्री बॉर्डर’ जोन में आता है जहां तीन अफ्रीकी देश बुरकिना फासो, माली और नाइजर की सीमाएं मिलती हैं। यह इलाका लंबे समय से अलकायदा और इस्लामिक स्टेट जैसे आतंकी संगठनों का ठिकाना बना हुआ है।
यह हमला बुरकिनाबे सैनिकों पर पिछले दो हफ्ते में हुआ तीसरा बड़ा हमला है। इससे पहले 4 अगस्त को नाइजर बॉर्डर पर हुए आंतकी हमले में 30 लोग मारे गए थे, जिसमें 11 नागरिक शामिल थे।
पश्चिमी अफ्रीका के साहेल क्षेत्र के गरीब देश बुर्किना फासो में 2015 से अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट जैसे आतंकी संगठन लगातार हमले कर रहे हैं। 4 और 5 जून को आतंकियों ने सोल्हन गांव में बच्चों समेत 132 लोगों को मार डाला। यह हमला बुर्किना फासो के इतिहास का सबसे भीषण आतंकी हमला था।
अल-कायदा से जुड़े आतंकी सबसे पहले उत्तरी माली में 2012 में पाए गए थे। इसके बाद फ्रांस की मिलिट्री ने देश में आंतिकयों को ढूंढने का काम शुरू किया। लेकिन आतंकी कई टुकड़ों में बंट गए और आस-पास के देशों में फैल गए।
इसके बाद से माली और नाइजर के बॉर्डर से लगे क्षेत्रों में सेना ने कई छापेमारियां कीं, जिनके जवाब में आतंकियों ने घातक हमले किए हैं। इन हमलों में 1400 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है और 13 लाख लोगों को अपना घर छोड़़कर भागना पड़ा है।
गौरतलब है कि अफ्रीकी देश बुर्किना फासो 1960 में फ्रांस से आजाद हुआ था। बुर्किना फासो सोने और कपास के उत्पादन के लिए जाना जाता है। लेकिन राजनीतिक अस्थिरता तथा आतंकी गतिविधियों के कारण बुर्किना फासो अफ्रीका के सबसे गरीब देशों में से गिना जाता है।
