काबुल,22 अगस्त। एक तरफ जहां भारत अपने नागरिकों को निकलाने की कोशिश तेज करने में लगा है वहीं सैकड़ों महिलाएं और असहाय बच्चे संकट में फंस गए हैं। वायु सेना ने पिछले कुछ दिनों में लोगों को एयरलिफ्ट करने के लिए कई उड़ानें भरी हैं, पता चला है कि कई लोग डरे हुए, थके हुए और हताश हैं। भारतीय महिलाएं और बच्चे मदद के लिए भारत सरकार की तरफ देख रहे हैं। काबुल एयरपोर्ट के पास मौजूद मांओं का कहना है कि उनके बच्चे दूध और पानी के लिए तड़प रहे हैं। दिल्ली में मौजूद एक मां ने बात की जिसकी बेटी अफगानिस्तान में है और भारत आने के लिए लगातार संघर्ष कर रही है। अफगानिस्तान के एक नागरिक से शादी करने वाली 32 साल की भारतीय महिला पिछले तीन दिनों से वहां सुरक्षा की उम्मीद में इंतजार कर रही है। भारतीय महिला की चिंतित मां ने कहा, “उन्हें तीन दिन पहले भारतीय दूतावास में लोगों ने बिना किसी सामान के (काबुल) हवाई अड्डे पर आने के लिए कहा था। तीन दिनों के लिए उन्हें हवाई अड्डे के पास एक शादी के हॉल में रखा गया था और बाहर नहीं निकलने के लिए कहा गया था।” उन्होंने कहा, “पिछली रात करीब 12 बजे उन्हें फिर से एक बस में हवाई अड्डे पर ले जाया गया। वे सभी आज सुबह 11 बजे तक बस में इंतजार कर रहे थे। फिर तालिबान आया और उनमें से लगभग 150 को ले गया। मेरा दामाद पास में रहता है। उसने अपने छोटे भाई को बुलाया और मेरी बेटी को वहां से ले जाने में कामयाब रहा।” कुछ ही देर बाद तालिबान ने उन लोगों के दस्तावेजों की जांच कर उन्हें रिहा कर दिया। अब महिला और उसका बेटा एयरपोर्ट के बाहर इंतजार कर रहे हैं।
