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पैंगबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी मामले में पाकिस्तान ने भारतीय उच्चायोग के प्रभारी को किया तलब

इस्लामाबाद,०७ जून । पाकिस्तान ने सोमवार को बताया कि उसने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो नेताओं की विवादित टिप्पणियों के प्रति अपना विरोध दर्ज कराने के लिए भारतीय उच्चायोग के प्रभारी को तलब किया। विदेश कार्यालय (एफओ) ने एक बयान जारी कर बताया कि भारतीय राजनयिक से कहा गया कि ये बयान पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं और इनके चलते न केवल पाकिस्तान के लोगों, बल्कि दुनियाभर के मुसलमानों की भावनाएं आहत हुई हैं। एफओ ने भारतीय राजनयिक को बताया कि पाकिस्तान सरकार भारत में सत्तारूढ़ भाजपा के दो वरिष्ठ पदाधिकारियों के अत्यंत अपमानजनक बयानों की कड़ी निंदा करती है और इन्हें पूरी तरह से अस्वीकार करती है। उसने कहा, ‘भारतीय राजनयिक से कहा गया कि पाकिस्तान भाजपा सरकार द्वारा उक्त अधिकारियों के खिलाफ देर से और लापरवाह तरीके से अनुशासनात्मक कार्रवाई किए जाने की निंदा करता है। यह कार्रवाई मुसलमानों को पहुंची पीड़ा को कम नहीं कर सकती।’

नयी दिल्ली में भाजपा ने पैगंबर मोहम्मद पर दिए गए विवादित बयानों के लिए अपनी राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा को रविवार को पार्टी से निलंबित कर दिया। वहीं, दिल्ली इकाई के मीडिया प्रमुख नवीन कुमार जिंदल को पार्टी नेतृत्व ने भाजपा से निष्कासित करने का फैसला लिया। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने कहा कि पाकिस्तान भारत में ”मुसलमानों के खिलाफ चिंताजनक गति से बढ़ती सांप्रदायिक हिंसा और घृणा” को लेकर बहुत चिंतित है। एफओ ने कहा, ”मुस्लिम विरोधी निंदनीय भावना का मुख्यधारा में तेजी से आना और ओछे ऐतिहासिक दावों का हवाला देते हुए मुसलमानों को उनके सदियों पुराने पूजा स्थलों से वंचित करने के बढ़ते प्रयास भारतीय समाज में गहराई तक समाए हुए पूर्वाग्रह के स्पष्ट परिणामों के अलावा और कुछ नहीं हैं।” पाकिस्तान ने भाजपा नेतृत्व और भारत सरकार से आग्रह किया कि वह भाजपा पदाधिकारियों की अशोभनीय टिप्पणियों की स्पष्ट रूप से निंदा करे और सुनिश्चित करे कि पैगंबर की गरिमा पर हमला करने के लिए उनके खिलाफ निर्णायक और ठोस कदम उठाकर उन्हें जवाबदेह ठहराया जाए। एफओ के अनुसार, पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भारत में ”मुसलमानों के खिलाफ हिंदुत्व से प्रेरित पूर्वाग्रह के खतरनाक तरीके से बढऩे” का संज्ञान लेने और ”अल्पसंख्यकों के खिलाफ मानवाधिकार उल्लंघन” को रोकने के लिए भारतीय प्राधिकारियों पर दबाव बनाने की अपील की।

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