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दिल्ली में राहुल-नायडू की मुलाकात के बाद टीआरएस ने बदला चुनावी गेमप्लान

हैदराबाद। नई दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और आन्ध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू की मुलाकात के बाद अब तेलंगाना में विधानसभा चुनाव से पहले टीआरएस चुनाव की तैयारियों पर दोबारा काम शुरू कर चुकी है। इसका मतलब यह लगाया जा रहा है कि टीआरएस अब कुछ उम्मीदवारों को लेकर फिर से विचार कर सकती हैं जिन्हें चुनाव प्रचार के दौरान जनता के विरोध का सामना करना पड़ा है। सूत्रों के मुताबिक, पार्टी नेतृत्व राजनीतिक परिदृश्य के अनुरूप अपने प्रचार की रणनीति पर नजर बनाए हैं जिसके बारे में ज्यादातर टीआरएस नेताओं ने सोचा भी नहीं है। यहां तक कि पार्टी के नेता जो अभी तक गंभीरता से सिर्फ विकास को ही चुनावी मुद्दा बनाए हुए थे वह अब यह सोचने पर मजबूर हो गए कि क्या वह वाकई आने वाले चुनाव में जीतने के लिए वे सही दिशा में हैं।
इससे जाहिर होता है कि टीआरएस अपने प्रचार की रणनीति में बदलाव कर रही है और चुनाव का रुख इस ओर मोड़ने की कोशिश कर रही है कि जनता का उनके प्रति विश्वास बढ़े कि केवल टीआरएस ही है जो तेलंगाना के विकास के लिए फिक्रमंद है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव (केसीआर) व्यक्तिगत रूप से लोगों तक संदेश पहुंचाने के लिए ऑडियो-विजुअल मीडियम में रुचि दिखा रहे हैं। टीआरएस ने चंद्रबाबू नायडू पर तेलंगाना के मामले पर दखल देने का तीखा आरोप लगाया है। अब पार्टी उनके अगले कदम पर नजर बनाए हैं।ाहालांकि केसीआर के जुबानी हमले पर वैसी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई जैसी टीआरएस नेताओं को उम्मीद थी। उल्टा दिल्ली में 1 नवंबर को राहुल गांधी से मुलाकात के बाद नायडू ने कहा कि वह समझ नहीं पाते हैं कि केसीआर उनके खिलाफ मुंह क्यों खोलते हैं। टीआरएस अब जुबानी जंग से लड़ाई को अलग प्लैटफॉर्म में ले जाने की योजना बना रही है। टीआरएस नेताओं का कहना है कि वह पहले कांग्रेस को अपना प्राथमिक प्रतिद्वंदी मानते थे लेकिन अब साफ हो गया है कि वह नायडू ही हैं जो कांग्रेस के लिए खेल खेल रहे हैं।

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