टोक्यो। अमेरिका और चीन के बीच जारी ट्रेड वॉर का असर अब दिखने लगा है। बढ़े टैरिफ की वजह से बहुत सी एशियाई कंपनियों में डर का माहौल है। इसके चलते मेमरी चिप से लेकर मशीन टूल तक बनाने वाली कंपनियां अपनी प्रॉडक्शन रेंज चीन से कहीं और शिफ्ट कर रही हैं या ऐसा करने का मन बना चुकी हैं। यह सब ट्रंप द्वारा चीनी इंपोर्ट पर टैरिफ लगाने के बाद शुरू हुआ। अबतक चीन में बनने वाले सामान की प्रॉडक्शन कॉस्ट काफी कम बैठती थी, लेकिन टैरिफ लगने के बाद उसके इस स्टेटस को चुनौती मिली है।
साउथ कोरिया की मित्सुबिशी, तोशिबा मशीन कंपनी के साथ कुछ कंपनियां जुलाई में ही अपना प्रॉडक्शन दूसरे देशों की फैक्ट्रियों में शिफ्ट कर चुके हैं। उस वक्त पहली बार टैरिफ लगाया गया था। अब ताइवान की कंप्यूटर कंपनियां, साउथ कोरिया की एलजी ऐसा प्लान बना रही हैं। ताइवान और थाइलैंड जैसे देशों की सरकारें तो खुद अपनी कंपनियों से चीन से प्रॉडक्शन कहीं और शिफ्ट करने को कह रही हैं। हालांकि, प्रॉडक्शन शिफ्ट करना इतना भी आसान नहीं है। जिनपर दूसरी जगहों पर मेन्युफेक्चर यूनिट हैं यहां उन्हें आसानी हुई क्योंकि इतने कम वक्त में नई फैक्ट्री खड़ा करना मुश्किल रहता। बता दें कि अमेरिका ने पहले जुलाई में 25 प्रतिशत ड्यूटी लगाई थी, जिसने चीन के 50 बिलियन के उत्पादों को कवर कर लिया था। इसके बाद दूसरे राउंड के टैरिफ की घोषणा हुई। अगले हफ्ते से लागू होनेवाले इस टैरिफ में 10 प्रतिशत ड्यूटी लगाई जाएगी, जिसका असर 200 बिलियन डॉलर के चीनी एक्सपोर्ट पर पड़ेगा। इतना ही नहीं, ट्रंप तीसरे राउंड का टैरिफ लगाने की धमकी भी दे चुके हैं, जिसमें 25 प्रतिशत ड्यूटी लगने से उसका असर 267 बिलियन डॉलर के एक्सपोर्ट पर पड़ेगा।