ईटानगर। चीन में आए भूस्खलन की वजह से नीचे की तरफ ब्रह्मपुत्र नदी के पानी का फ्लो प्रभावित हो गया है। अरुणाचल से कांग्रेस के सांसद निनोंग एरिंग ने चिट्ठी लिखकर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और जल संसाधन राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग भी की है। सासंद के मुताबिक चीन में 16 अक्टूबर को आए भूस्खलन की वजह से ब्रह्मपुत्र के फ्लो में यह ब्लॉकेज मिलिन सेक्शन के पास आया है। आपको बता दें कि चीन में हुए भूस्खलन की वजह से नदी के बहाव पर डैम की तरह का बैरियर बन गया है। चीन के मुताबिक मेनलिंग काउंटी में एक गांव के पास हुए इस भूस्खलन के बाद झील के पानी के स्तर में 40 मीटर का इजाफा हुआ है। यह झील भी अब भारत के लिए खतरा बनी हुई है। अरुणाचल के ईस्ट सियांग जिले में प्रशासन ने लोगों को नदी किनारे जाने से मना किया है।
यहां के डीएम ने बताया है कि नदी में पानी का स्तर काफी तेजी से नीचे गिरा है और जब चीन की तरफ से ब्लॉकेज को साफ किया जाएगा तो नदी के जल स्तर में अप्रत्याशित वृद्धि से तबाही भी आ सकती है। जून 2000 में कुछ ऐसा ही हुआ था जब ब्रह्मपुत्र नदी में चीन की तरफ से अचानक पानी छोड़ने की वजह से अरुणाचल प्रदेश में काफी नुकसान हुआ था। एरिंग ने अपने खत में लिखा है, ‘चीन के जल संसाधन मंत्रालय की जानकारी के मुताबिक 16 अक्टूबर को लैंडस्लाइड ने ब्रह्मपुत्र नदी की मुख्यधारा के मिलिन सेक्शन को ब्लॉक कर दिया है।’ सांसद ने चेताया है कि इसका यार्लंग ज़ांगबो (ब्रह्मपुत्र नदी का अपर स्ट्रीम) के निचले हिस्से में पानी की स्थिति पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा। सांसद के मुताबिक, ‘तूतिंग, यिंगकियोंग और पासीघाट के पास स्थिति गंभीर हो गई है। चीन में ब्रह्मपुत्र नदी के ब्लॉकेड की वजह से ये जगहें सूख रही हैं। कृपया हस्तक्षेप करें।’ सांसद ने कहा है कि सरकार को कहा है कि चीन के पास अगर इस मामले में कोई नई जानकारी है तो उन्हें हमसे समय पर साझा करना होगा। इसके लिए सरकार को सक्रिय हो जाना चाहिए। उन्होंने आगे लिखा है कि इन निचले इलाकों में नदियां तेजी से सूख रही हैं। उन्होंने कहा कि निचले भागों में बसे लोगों के लिए यह जीवन का सवाल है।