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चीन के बीआरआई प्रोजेक्ट को लेकर नेपाल में विवाद

काठमांडू, ०७ जनवरी। नेपाल में चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) को लेकर विवाद खड़ा हो गया है, क्योंकि काठमांडू में चीनी दूतावास ने घोषणा की है कि, पोखरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा चीन-नेपाल बीआरआई सहयोग की प्रमुख परियोजना है। हवाई अड्डे को बीआरआई से जोड़ते हुए चीनी दूतावास द्वारा की गई घोषणा से बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। हवाई अड्डे का निर्माण चीनी ऋण पर किया गया था जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने रविवार को किया, लेकिन उद्घाटन के दिन दूतावास द्वारा अचानक की गई घोषणा ने काठमांडू में विवाद बढ़ा दिया है।
उद्घाटन से एक दिन पहले, दूतावास ने कहा: यह चीन-नेपाल बीआरआई सहयोग की प्रमुख परियोजना है। नेपाली सरकार और नेपाली लोगों को हार्दिक बधाई! उद्घाटन के दिन, चार्ज डी अफेयर्स वांग शिन ने कहा: २०२३ राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीआरआई पहल के प्रस्ताव की १०वीं वर्षगांठ है। दोनों राष्ट्राध्यक्षों के मार्गदर्शन में, हम संयुक्त रूप से ट्रांस-हिमालयन मल्टी-डायमेंशनल कनेक्टिविटी नेटवर्क का निर्माण करेंगे, और बीआरआई सहयोग को फलदायी परिणाम देंगे।
प्रधानमंत्री दहल ने इस बात पर भी चिंता जताई कि यह मुद्दा अब क्यों और कैसे सामने आया। नेपाल नागरिक उड्डयन प्राधिकरण के महानिदेशक प्रदीप अधिकारी के अनुसार, दहल ने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि पोखरा हवाईअड्डा बीआरआई से संबंधित है या नहीं और दूतावास द्वारा दिए गए बयान पर भी हैरानी जताई।
नेपाल के झील शहर पोखरा में परियोजना के उद्घाटन से पहले भाषण के दौरान प्रधानमंत्री ने बीआरआई के तहत परियोजना के निर्माण का जिक्र नहीं किया था। राजनीतिक दल के नेताओं ने पोखरा हवाई अड्डे के बारे में चीन के अचानक बयान देने और इसे अनावश्यक रूप से बीआरआई से जोडऩे पर चिंता व्यक्त की।
नेपाल सरकार ने पोखरा में नए हवाई अड्डे के निर्माण के लिए मार्च २०१६ में चीन के साथ २१५.९६ मिलियन डॉलर के सॉफ्ट लोन समझौते पर हस्ताक्षर किए। नेपाल और चीन ने २०१७ में बीआरआई पर रूपरेखा समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद, नेपाल ने शुरूआत में राष्ट्रपति शी की प्रमुख कनेक्टिविटी परियोजना के तहत शुरू की जाने वाली ३५ परियोजनाओं का चयन किया। बाद में, बीजिंग के अनुरोध पर पोखरा हवाईअड्डा सूची से बाहर होने के साथ परियोजनाओं की कुल संख्या ९ हो गई थी।
पूर्व विदेश मंत्री और यूएमएल के उप महासचिव प्रदीप ग्यावली ने बताया, मेरा एक सवाल है कि किस आधार पर चीनी दूतावास सीडीए ने कहा कि पोखरा हवाई अड्डा बीआरआई के ढांचे के तहत बनाया गया है। चीन के साथ पोखरा हवाईअड्डे की बातचीत २०१० से शुरू हुई थी उसके बाद चीन ने बीआरआई लॉन्च किया था तो यह कैसे बीआरआई के तहत आता है।
नेपाल और चीन ने २०१७ में बीआरआई फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर किए थे जबकि चीन के एग्जिम बैंक और नेपाल के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (सीएएएन) के बीच २०१६ में ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। ग्यावली ने कहा, मैं समझ नहीं पाया कि किस आधार पर चीनी सीडीए ने बीआरआई और पोखरा हवाईअड्डे पर बयान जारी किया।
चीन के एग्जिम बैंक ने ऋण का २५ प्रतिशत ब्याज मुक्त प्रदान करने और शेष राशि के लिए २० वर्ष की चुकौती अवधि के साथ ब्याज दर २ प्रतिशत प्रति वर्ष निर्धारित करने पर सहमति व्यक्त की थी। सरकार ने बीआरआई के साथ पोखरा हवाईअड्डे के जुड़ाव पर अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की है, जैसा कि चीनी पक्ष ने दावा किया है।
सीएएएन के महानिदेशक प्रदीप अधिकारी ने कहा कि, चूंकि किसी भी चीनी दस्तावेज में यह नहीं कहा गया है कि पोखरा हवाई अड्डे का निर्माण बीआरआई के तहत किया गया, इसलिए हमें परेशान होने की जरूरत नहीं है। इस परियोजना का कोई भू-राजनीतिक संबंध नहीं है..पोखरा हवाई अड्डा चीन के साथ बीआरआई ढांचे पर हस्ताक्षर करने से बहुत पहले शुरू हो गया था।

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