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चाकू टूटने तक ताबड़तोड़ वार करते रहे हत्यारे

नई दिल्ली। साउथ दिल्ली के वसंत कुंज एनक्लेव में हुई फैशन डिजाइनर माला लखानी (53) और उनके नौकर बहादुर (50) की हत्या के मामले में पुलिस जो कारण बता रही है, वह किसी के गले नहीं उतर रहा है। माला के परिजन और पड़ोसियों ने पुलिस की थिएरी पर कुछ नए सवाल उठाए हैं। ऐसे में पुलिस के सामने अब चुनौती अपने दावे को सही साबित करने की है। पुलिस का कहना है कि फैशन डिजाइनर और नौकर पर आरोपियों ने तब तक वार किए जब तक कि चाकू पूरी तरह से टूट नहीं गया। इस बीच पुलिस ने तीनों आरोपियों को अदालत में पेश कर उन्हें तीन दिन की रिमांड पर ले लिया है और अब उनसे पूछताछ के जरिए इस केस में आगे की कड़ियां जोड़ने की कोशिश कर रही है। शुक्रवार को पुलिस ने सफदरजंग हॉस्पिटल में माला की लाश का पोस्टमॉर्टम करवाने के बाद लाश को परिजनों के हवाले किया। इसके अलावा पुलिस की एक टीम आरोपियों के साथ उन जगहों पर गई, जहां उस रात ये लोग गए थे।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इस केस से जुड़ी दो अहम चीजें भी पुलिस ने बरामद कर ली हैं। पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर माला के घर से कथित तौर पर लूटी गई करीब 100 ग्राम गोल्ड और डायमंड जूलरी के अलावा घर के मेन गेट पर लगे सीसीटीवी कैमरे की वह डीवीआर भी बरामद कर ली है, जिसे आरोपी वारदात के बाद अपने साथ ले गए थे। इस डीवीआर में कैमरे की रेकॉर्डिंग दर्ज है। हालांकि अभी औपचारिक तौर पर पुलिस ने इस बरामदगी की पुष्टि नहीं की है। बताया जा रहा है कि रात 12:15 बजे के करीब घर के मेन गेट पर लगे कैमरे में रेकॉर्ड हुआ है कि एक लड़का गेट खोलता है और उसके बाद माला की गाड़ी घर से बाहर निकलती है। फिर वही लड़का गेट बंद करता है और गाड़ी में बैठ जाता है, जिसके बाद आरोपी गाड़ी लेकर फरार हो जाते हैं। हालांकि इस पूरे घटनाक्रम में एक और अहम जानकारी भी सामने आ रही है। माला के सबसे नजदीकी पड़ोसी शकील अहमद का दावा है कि राहुल को कार चलानी नहीं आती थी। उसके बाकी दोनों साथियों को भी ड्राइविंग आती होगी, इस पर भी उन्हें शक है। शकील का कहना है कि उनका और माला का घर आमने सामने है और गली ज्यादा चौड़ी नहीं है। रात के वक्त उनकी और कुछ अन्य लोगों की गाड़ी भी बाहर गली में ही खड़ी रहती है। ऐसे में कोई बहुत स्किल्ड ड्राइवर ही इस तरह से रात के वक्त माला के घर से गाड़ी निकाल कर ले जा सकता है, क्योंकि गेट से गाड़ी निकालते वक्त उसे एक-दो बार बैक करना पड़ता है। ऐसे में ये तीनों आरोपी गाड़ी चलाकर ले गए होंगे, इस पर भी उन्होंने शक जताया है। इसके अलावा उनका भी यही मानना है कि अगर आरोपियों को लूटपाट ही करनी होती, तो वो दिन के वक्त कभी भी आसानी से कर सकते थे, क्योंकि वर्कशॉप की चाबी राहुल के पास ही रहती थी, जबकि माला और बहादुर दिनभर बुटीक पर रहते थे। ऐसे में मर्डर करके लूटपाट करने की उन्हें कोई जरूरत ही नहीं थी। पुलिस अभी तक वो अपाचे बाइक भी बरामद नहीं कर पाई है, जो माला ने राहुल को दिलाई थी। कहा यह भी जा रहा है कि अकेले बहादुर इतना तगड़ा था कि दुबले पतले इन तीनों आरोपियों को एक साथ संभाल सकता था। ऐसे में इन तीनों ने मिलकर इतनी आसानी से घर के अंदर चाकू से दो लोगों की हत्या कर दी, यह बात इस पूरे इलाके में किसी के भी गले नहीं उतर रही है। पुलिस का दावा है कि वारदात का मकसद लूटपाट ही था, क्योंकि आरोपी राहुल अनवर को इस बात का यकीन था कि इतने बड़े विला में अपने नौकर के साथ रहने वाली फैशन डिजाइनर माला के पास काफी जूलरी और पैसा होगा।

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