वॉशिंगटन। चीन अपनी विवादास्पद नीतियों में हरकतों के कारण अक्सर चर्चा में रहता है। कोरोना वायरस को पैदा करने और उसे पूरी दुनिया में फैलाने को लेकर पहले ही चीन शक के घेरे में हैं। इतना ही नहीं इस पर हुईं ढेरों स्टडी में कई सबूत भी मिले हैं जिनसे पता चलता है कि यह जानलेवा वायरस वुहान की लैब से लीक हुआ था। लेकिन चीन अब भी सुधरता नजर नहीं आ रहा है। अब चीन के न्यूक्लियर प्लांट में बड़ी गड़बड़ी होने का पता चला है। एक रिपोर्ट में चीन के न्यूक्लियर पावर प्लांट में लीकेज की बात कही गई है। इसे लेकर अमेरिका सतर्क हो गया है और इसकी जांच कर रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका सरकार एक हफ्ते से इस मसले की जांच करने में जुटी है। दरअसल, चीन के गुआंगदोंस प्रांत में ताइशन न्यूक्लिर पावर प्लांट में फ्रांस की एक कंपनी फ्रैमाटोम भी हिस्सेदार है। इसी कंपनी ने यूएस डिपार्टमेंट ऑफ एनर्जी लीकेज के कारण रेडियोलॉजिकल खतरा होने की चेतावनी दी थी। लीकेज को देख चाइनीज अधिकारियों ने प्लांट के बाहर रेडिएशन होने की सीमा को बढ़ा दिया है। ताकि ज्यादा रेडिएशन होने के बाद भी उस पर सवाल न उठाया जा सके। वहीं फ्रेंच कंपनी को डर है कि कहीं यह प्लांट बंद न हो जाए।
हालांकि, बाइडेन प्रशासन को लग रहा है कि फिलहाल न्यूक्लियर प्लांट में स्थिति अभी नियंत्रित है और इससे प्लांट में काम करने वाले लोगों और चाइनीज नागरिकों को अभी खतरा नहीं है। इस मसले को भले ही अमेरिकी प्रशासन अभी खतरनाक नहीं मान रहा है लेकिन यहां की नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल हफ्ते भर से बैठकें कर रही है। साथ ही इस मसले पर फ्रांस की सरकार और एनर्जी डिपार्टमेंट के विशेषज्ञों से चर्चा भी की है। अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि यदि यह लीकेज जारी रहता है या बढ़ता है स्थिति बहुत गंभीर हो सकती है। बताया जाता है कि इस मसले पर अमेरिका ने चीन की सरकार से भी संपर्क किया है, हालांकि अभी तक यह पता नहीं चला है कि दोनों देशों के बीच बातचीत कहां तक पहुंची है।
