देश के ५०वें मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल नहीं हुए। हालांकि इसका कोई कारण नहीं बताया गया। राष्ट्रपति की ओर से मुख्य न्यायाधीश के शपथग्रहण समारोह में शामिल होने का न्योता उनको गया था लेकिन वह शामिल नहीं हुए। बुधवार, नौ नवंबर की सुबह राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने न्यायाधीश चंद्रचूड़ को मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ दिलाई। इस मौके पर उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ मौजूद थे। हालांकि उस समय प्रधानमंत्री की अनुपस्थिति ज्यादा नोटिस नहीं की गई और इस पर सवाल भी नहीं उठा लेकिन बाद में भाजपा के दिग्गज नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी के ट्वीट से इस पर चर्चा शुरू हुई।
स्वामी ने सवाल उठाया कि प्रधानमंत्री क्यों मुख्य न्यायाधीश के शपथग्रहण समारोह में नहीं शामिल हुए? आमतौर पर मुख्य न्यायाधीश के शपथग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री शामिल होते हैं। लेकिन इससे पहले भी एकाध मौकों पर किसी जरूरी काम में व्यस्त होने की वजह से या किसी दूसरे कारण से प्रधानमंत्री इस समारोह से गैरहाजिर रहे हैं। ध्यान रहे बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी ने हिमाचल प्रदेश में दो चुनावी सभाओं को संबोधित किया। लेकिन शपथग्रहण समारोह चूंकि सुबह के समय होता है इसलिए वे इसमें शामिल होने के बाद भी चुनावी कार्यक्रम के लिए जा सकते हैं। इसलिए इसे जान बूझकर किया गया फैसला माना जा रहा है। स्वामी के ट्विटर पर चल रही बहस में किसी ने यह भी कहा कि जस्टिस चंद्रचूड़ हार्वर्ड से पढ़े हैं और प्रधानमंत्री को हार्वर्ड वालों की बजाय हार्डवर्क करने वाले ज्यादा पसंद हैं।



