नई दिल्ली। कोर्ट में अर्जी लगने के बाद काशी विश्वनाथ को लेकर बहस शुरू हो गई है। कोर्ट में इसके लिए तर्क ओर सबूत भी रखे जा रहे हैं। वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में बनी ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर कोर्ट ने एएसआई को सर्वेक्षण करने को कहा है। यह आदेश उस याचिका को लेकर है जिसमें कहा गया है कि मंदिर तोड़कर ज्ञानवापी मस्जिद बनाई गई है। कोर्ट में इसे लेकर चीनी यात्री ह्वेनसांग और एक किताब का भी जिक्र किया गया है। उधर बीएचयू के प्राचीन भारतीय इतिहास एवं संस्कृति विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डा. एएस ऑल्टेकर ने ‘हिस्ट्री ऑफ बनारस’ किताब लिखी है। इस किताब में उन्होंने प्रसिद्ध चीनी यात्री ह्वेन त्सांग द्वारा किए गए विश्वनाथ मंदिर के लिंग का जिक्र किया है। किताब में बताया गया है कि विश्वनाथ का शिवलिंग 100 फीट ऊंचा था और उसके ऊपर लगातार गंगा की धारा गिरती थी। प्रसिद्ध चीनी यात्री ह्वेन त्सांग ने वाराणसी को धार्मिक, शैक्षणिक एवं कलात्मक गतिविधियों का केन्द्र बताया है और इसका विस्तार गंगा नदी के किनारे 5 किलोमीटर तक लिखा है। इसके अलावा यह भी बताया गया कि काशी विश्वनाथ मंदिर को औरंगजेब ने 1664 में इसे नष्ट कर दिया था और इसके अवशेषों का उपयोग मस्जिद बनाने के लिए किया, जिसे मंदिर की भूमि के एक हिस्से पर ज्ञानवापसी मस्जिद के रूप में जाना जाता है।
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