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कांग्रेस के विरोध की बेचैनी में केजरीवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल दिल्ली में भले भारतीय जनता पार्टी से लड़ते दिख रहे हैं लेकिन उनका असली निशाना कांग्रेस पार्टी है। केजरीवाल असल में भाजपा के कांग्रेस मुक्त भारत अभियान में अपनी सबसे महत्वपूर्ण भूमिका मान रहे हैं। तभी वे सिर्फ उन्हीं राज्यों में राजनीति करते हैं, जहां भाजपा और कांग्रेस का सीधा मुकाबला है। जिस राज्य में कोई मजबूत प्रादेशिक पार्टी है वहां लडऩे नहीं जाते हैं। वे कांग्रेस विरोध में इतने बेचैन हैं कि कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा से उनको परेशानी होने लगी है। तभी उन्होंने सात सितंबर से ‘मेक इंडिया नंबर वन’ अभियान की यात्रा निकालने का ऐलान किया है।
ध्यान रहे कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा भी सात सितंबर को शुरू हो रही है। राहुल गांधी इस यात्रा का नेतृत्व करेंगे और इसकी शुरुआत सुदूर दक्षिण में कन्याकुमारी से हो रही है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री भी इसकी शुरुआत के कार्यक्रम में शामिल होंगे। उसी दिन अरविंद केजरीवाल अपने गृह प्रदेश हरियाणा से ‘मेक इंडिया नंबर वन’ यात्रा शुरू करेंगे। सोचें, सात सितंबर कोई ऐतिहासिक तारीख नहीं है और न कोई धार्मिक महत्व की तिथि है लेकिन केजरीवाल भी उसी दिन अपनी यात्रा शुरू करेंगे। इसका मकसद कांग्रेस की यात्रा को फीका करना है। केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं और दिल्ली की मीडिया को अपने विज्ञापन के दम पर उन्होंने अपने साथ जोड़ा हुआ है। सो, जब दिल्ली से सटे हरियाणा से उनकी यात्रा शुरू होगी तो उसकी बड़ी मीडिया कवरेज होगी और कुछ हद तक कांग्रेस की यात्रा से ध्यान हटेगा। उनकी यह यात्रा पहले दो ही दिन चलेगी। उसके बाद आगे फिर कांग्रेस के कार्यक्रम के हिसाब से वे अपना प्रोग्राम बनाएंगे।

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