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ओवैसी का आरएसएस पर पलटवार, ‘हिंदू भावना के आधार पर सुप्रीम कोर्ट नहीं दे सकता है फैसला’

हैदराबाद। अयोध्या विवाद में देरी को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने हिंदुओं का अपमान बताया, जिस पर पलटवार करते हुए एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट हिंदू भावना के आधार पर फैसला नहीं दे सकता है। ओवैसी के अनुसार यहां आस्था और भावना वगैरह प्रासंगिक नहीं है। ओवैसी ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट हिंदू भावना के आधार पर फैसला नहीं ले सकता है। वह (आरएसएस) इस बात को मानने को तैयार नहीं कि यहां सविधान नाम भी एक चीज है। आस्था, भावना वगैरह यहां प्रासंगिक नहीं है बल्कि केवल इंसाफ होना चाहिए।’
बता दें कि संघ ने राम मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश की मांग फिर से दोहराई है। संघ ने कहा कि अगर जरूरी हुआ तो वह राम मंदिर के लिए 1992 जैसा आंदोलन भी करेगा। संघ ने कहा कि सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत द्वारा यह कहे जाने पर कि हमारी प्राथमिकताएं अलग हैं, इसे हिंदू समाज अपमानित महसूस कर रहा है। संघ के सर कार्यवाह भैयाजी जोशी ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘राम मंदिर के निर्माण की प्रतीक्षा लंबी होती जा रही है। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई को 7 साल हो गए हैं। जब तीन जजों की पीठ बनी थी तो हमें उम्मीद थी जल्द इसपर कोई निर्णय आएगा।’
जोशी ने कहा, ‘राम सबके हृदय में रहते हैं। भगवान मंदिर में रहते हैं। हम हर कीमत पर राम मंदिर का निर्माण चाहते हैं। हम लगभग 30 सालों से मंदिर के लिए आंदोलन कर रहे हैं। कुछ कानूनी बाधाएं अवश्य हैं। हमें उम्मीद है कि कोर्ट हिंदू समाज की भावनाओं को समझकर न्याय देगा।’ वहीं महाराष्ट्र में बीजेपी की सहयोगी शिवसेना ने कहा कि बीजेपी की सरकार आरएसएस की मेहनत से बनी है। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘आरएसएस भी मंदिर के लिए दबाव बना रहा था। ऐसे में यहां आरएसएस की मेहनत भी बेकार गई।’

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