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एक घर बेचकर 2 घर खरीदें, नहीं लगेगा कैपिटल गेन्स टैक्स

नई दिल्ली। वित्त मंत्री पीयूष गोयल का अंतरिम बजट हाउजिंग सेक्टर के लिए बड़ा बजट साबित होगा। वित्त मंत्री ने प्रस्ताव रखा है कि जो व्यक्ति अपना घर बेचकर होनेवाले कैपिटल गेन्स टैक्स से छूट लेना चाहता है, वह अब एक की जगह दो घर भी खरीद सकता है। अब तक यदि आप अपना घर बेचकर कोई दूसरा घर खरीदते थे, तो पहला घर बेचने पर होनेवाले कैपिटल गेन टैक्स में छूट सेक्शन 54 के तहत मिलती थी। लेकिन आप सिर्फ एक ही घर खरीद सकते थे। अब यदि आप दो घर भी खरीदते हैं, तो दोनों घरों में होनेवाले निवेश के आधार पर कैपिटल गेन्स टैक्स से छूट हासिल होगी।
आयकर का प्रावधान है कि यदि आपके पास हाउस प्रॉपर्टी है तो उसके किराए की आमदनी पर टैक्स देना होगा। यदि प्रॉपर्टी किराए पर नहीं है तब नोशनल रेंट को आमदनी में जोड़ना होगा। यदि वह प्रॉपर्टी खुद के निवास के लिए है तो नोशनल इनकम पर टैक्स नहीं देना होगा, लेकिन इस प्रकार की छूट केवल एक हाउस प्रॉपर्टी पर ही उपलब्ध थी। अब यह छूट दो हाउस प्रॉपर्टी पर भी ली जा सकती है। मसलन यदि आपके अभिभावक या परिवार के लोग कहीं और रहते हैं और आप जॉब के लिए दूसरे शहर में रहते हैं, तो 2 प्रॉपर्टी सेल्फ ऑक्युपाइड हो सकती है। इसके अलावा, घर खरीदने के लिए लिए गए लोन पर ब्याज की छूट अधिकतम छूट 2 लाख तक मिलती रही है। यह छूट भी अब दो हाउस प्रॉपर्टी पर मिल सकेगी। हालांकि कुल छूट 2 लाख रुपये ही रहेगी।
बजट में प्रावधान किया गया कि जो डेवलपर्स अफॉर्डेबल हाउजिंग सेगमेंट पर काम कर रहे हैं, उनको टैक्स छूट की सीमा अगले एक साल बढ़ाई जाएगी। यह मार्च 2020 तक एप्रूव होनेवाले प्रॉजेक्ट्स पर लागू रहेगी। अब तक के टैक्स प्रावधान के अनुसार यदि किसी बिल्डर के पास अनसोल्ड इन्वेंट्री है, जिन पर उसने कंप्लीशन सर्टिफिकेट लिया हुआ है तो एक साल तक उन पर नोशनल रेंट इनकम में जोड़ने से छूट मिलेगी। अब यह अवधि दो साल कर दी जाएगी। यदि अपना घर किराए पर दे रखा है और किराया एक लाख 80 हजार रुपये से अधिक है तो किराया देनेवाले को टीडीएस काटना होता था। ये सीमा बढ़ाकर दो लाख 40 हजार कर दी जाएगी। यानी 20 हजार रुपये प्रति माह के किराए पर टीडीएस प्रावधान नहीं रह जाएगा। यह तभी लागू होता है, जब किराए पर कोई कंपनी या टैक्स ऑडिट की श्रेणी में आनेवाला व्यक्ति हो। आम आदमी को घर खरीदने में काफी राहत मिल सकती है। घर खरीदना अब सस्ता हो सकता है। हाउजिंग इंडस्ट्री को सरकार ने बजट में कई सुविधा देने का ऐलान किया है। जिनमें कैपिटल गेन, टैक्स, टीडीएस ऑन रेंट, दूसरा अपना घर इत्यादि शामिल है। इसके अलावा इकनॉमिक हाउजिंग वाले बिल्डर्स को एक साल और प्रॉजेक्ट अप्रूव करने को दिया गया है।
यही नहीं, बिल्डर को इन्वेंटरी पर टैक्स छूट की अवधि भी एक साल बढ़ाई गई है। इस प्रक्रिया में सरकार जीएसटी के तहत भी बिल्डर्स और घर खरीदने वालों को फायदा पहुंचाने की सोच रही है। अभी अंडर कंस्ट्रक्शन फ्लैट पर जीएसटी की दर 12 फीसदी है। बिल्डर्स को मिलने वाले इनपुट क्रेडिट को पूरा फायदा मकान के खरीदारों तक नहीं पहुंच पाता। जीएसटी में केंद्र सरकार अकेले कोई चेंज नहीं ला सकती, इसके लिए राज्य सरकारों की सहमति की जरूरत है। हाउजिंग सेक्टर की जीएसटी दर को 12 फीसदी से नीचे लाने को कमिटी बनाई गई है, जो इस मसले पर विचार कर रिपोर्ट देगी। इसके बाद जीएसटी काउंसिल टैक्स कम करने का निर्णय ले सकती है।

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