वाशिंगटन,०४ जून । अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि उत्तर कोरिया ने २०२१ में अपने लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता और अन्य बुनियादी मानवाधिकारों को गंभीरता से सीमित करना जारी रखा है।
जारी अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अपनी २०२१ की देश की रिपोर्ट में, विभाग ने दावा किया कि ७०,००० तक उत्तर कोरियाई लोगों को उनकी धार्मिक मान्यताओं के लिए कैद किया जा सकता है।
रिपोर्ट के हवाले से कहा, २००१ के बाद से, डीपीआरके को विशेष रूप से धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम १९९८ के तहत विशेष चिंता का देश (सीपीसी) के रूप में नामित किया गया है, जो धार्मिक स्वतंत्रता के विशेष रूप से गंभीर उल्लंघन में लिप्त है।
विदेश विभाग ने लगातार २०वें वर्ष नवंबर में उत्तर कोरिया को धार्मिक स्वतंत्रता के राज्य उल्लंघनकर्ता के रूप में नामित किया था।
देश २०२० में विशेष चिंता का देश नामित होने वाले केवल १० देशों में से एक था।