मुझे खिलौने नहीं चाहिए
नहीं चाहिए टॉफी
अम्मी अब्बू घर आ जाओ
देर हुई अब काफी
मुझे खिलौने……………
उस दिन जरा बुखार हुआ था
दोनों को एक साथ
एम्बुलेन्स वाले अंकल
ले गए पकड़कर हाथ
कल ईद है अब आ जाओ
दे दो हमें मुआफ़ी
मुझे खिलौने……………
अम्मी कल खाला आईं थी
साथ आए थे खालू
बाहर से ही दे गईं मुझको
ये नए कपड़े कुछ आलू
कुछ मिठाईयाँ फल लाई थी
और ढेर सी टाफी
मुझे खिलौने……………..
आज सिंवईयाँ भी बननी है
अब जल्दी आ जाओ
एम्बुलेन्स वालों से कह दो
हमको घर पहुँचाओ
अम्मी अब्बू तुम दोनों को
प्यार करूंगा काफी
मुझे खिलौने……………….
सुफलता त्रिपाठी