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आम आदमी पार्टी के लिए खास क्यों हो गया है मध्य प्रदेश?

भोपाल मध्य प्रदेश में 28 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होनी है। बीजेपी और कांग्रेस के अलावा इस बार दिल्ली में सरकार चला रही आम आदमी पार्टी भी वहां मैदान में है। आप इससे पहले कई और राज्यों में चुनाव लड़ चुकी है लेकिन मध्य प्रदेश चुनाव और उसके नतीजे कई मायनों में पार्टी के लिए अहम साबित हो सकते हैं। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय विस्तार मिशन के लिए यह चुनाव अहम है। पार्टी इससे पहले पंजाब में अच्छा प्रदर्शन कर चुकी है और वहां पहली बार लड़े गए विधानसभा चुनाव में ही वह मुख्य विपक्षी दल बन गई थी। पार्टी ने गुजरात में भी चुनाव लड़ा लेकिन वहां खास न कर पाई। आम आदमी पार्टी ने तेलंगाना में भी विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। पार्टी ने गोवा विधानसभा चुनाव सीएम कैंडिडेट अनाउंस करके लड़ा था। हालांकि वहां भी उसे एक सीट भी नहीं मिली।

आम आदमी पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार के लिए सांगठनिक स्तर पर काम कर रही है और इसी के तहत पार्टी ने कई राज्यों में विधानसभा चुनाव लड़ने की योजना भी बनाई है। पार्टी राजस्थान विधानसभा चुनाव भी लड़ने वाली है लेकिन मध्य प्रदेश में आप ने अपना सीएम कैंडिडेट भी अनाउंस कर दिया है। पार्टी का यहां प्रदर्शन तय करेगा कि पार्टी दिल्ली से बाहर जड़ें जमाने में आगे बढ़ रही है या फिर महज दिल्ली की पार्टी ही बन गई है। आम आदमी पार्टी ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अब तक 131 सीटों पर कैंडिडेट अनाउंस किए हैं। पार्टी ने आलोक अग्रवाल को अपना सीएम कैंडिडेट बनाया है। एनबीटी से बात करते हुए आलोक अग्रवाल ने कहा कि हमने 52 पॉइंट्स के साथ एक ऐफिडेविट बनाया है, जिसमें मैंने साइन किए हैं। इसमें हमने जनता से वादे किए हैं कि हम चुनाव जीतने के बाद क्या करेंगे। हम कोरे वादे नहीं करते इसलिए ऐफिडेविट साइन करके दे रहे हैं। इसमें कहा गया है कि भ्रष्टाचार खत्म करेंगे, एसीबी का विस्तार किया जाएगा, किसानों का कर्जा माफ होगा, दिल्ली की तरह यहां भी पानी मुफ्त किया जाएगा और बिजली के दाम आधे किए जाएंगे। साथ ही यह वादा भी है कि सभी के लिए रोजगार हो, ऐसा इंतजाम करेंगे और जब तक रोजगार नहीं मिलता तब तक डेढ़ से तीन हजार तक का जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाएगा। आप ने सरकार आने पर राज्य में पूर्ण नशाबंदी का भी वादा किया है। आलोक ने कहा कि हम बढ़ती हुई पार्टी हैं। हमारे पास खोने के लिए कुछ नहीं है। पंजाब में हम पहले चुनाव में मुख्य विपक्षी पार्टी बन गए और गोवा में साढ़े छह पर्सेंट वोट पाकर राज्य की मान्यता प्राप्त पार्टी बन गए।

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