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अयोध्या विवाद पर अब मोदी सरकार के मंत्रियों का मंदिर राग, कहा- कानून भी बनाया जा सकता है

नई दिल्ली। अयोध्या विवाद पर संत समाज और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की तरफ से बढ़ते दबाव के बाद अब मोदी सरकार के मंत्रियों की प्रतिक्रियाएं भी सामने आने लगी हैं। कैबिनेट मंत्री उमा भारती ने कहा है कि उन्होंने सक्रिय रूप से रामजन्मभूमि आंदोलन में हिस्सा लिया था और अयोध्या में राम मंदिर उनका सपना है। उमा ने कहा कि वह किसी भी प्रक्रार की मदद के लिए तैयार हैं। उधर केंद्रीय मंत्री पीपी चौधरी ने तो मंदिर के मसले पर सीधे कानून की वकालत की है। बता दें कि पिछले दिनों संघ ने संकेत दिए हैं कि अगर जरूरी हुआ तो वह अयोध्या में राम मंदिर के लिए 1992 जैसा आंदोलन कर सकता है। इसके बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष से अयोध्या विवाद पर लगातार प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 29 अक्टूबर को अयोध्या मामले की सुनवाई को जनवरी के लिए टाल दिया। इसके बाद संघ और अन्य हिंदुवादीहालांकि मोदी सरकार इस मामले में खामोश है लेकिन उसके मंत्री लगातार इसपर बयान दे रहे हैं। इस बीच केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा है कि राम मंदिर का निर्माण उनका स्वप्न है। उमा ने कहा, ‘मैंने रामजन्मभूमि आंदोलन में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया था। इस मामले में मेरे व एलके आडवाणी जी की संबंध रहने को लेकर केस में सुनवाई भी जारी है और मुझे इसका गर्व है।’ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राम मंदिर के लिए वह अपने स्तर से हर प्रयास करने के लिए तैयार हैं। अकेले उमा भारती ही नहीं बल्कि केंद्र सरकार के मंत्री पीपी चौधरी ने भी राम मंदिर का समर्थन किया है। अध्यादेश लाकर मंदिर निर्माण करने की मांग पर पीपी चौधरी ने कहा, ‘राम मंदिर बनाया जाना चाहिए। मामला सुप्रीम कोर्ट में हैं और हम चाहते हैं कि जल्द फैसला हो। मैं सरकार के बारे में नहीं कह सकता लेकिन मेरा निजी विचार है कि अगर न्यायिक रास्ते में देर होती है तो कानून बनाया जा सकता है।’
हालांकि अयोध्या विवाद सर्वोच्च अदालत के सामने है लेकिन हिंदुवादी संगठन और संत समाज दिसंबर से ही मंदिर निर्माण शुरू करने की बात कर रहे हैं। रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष वेदांती ने कहा कि सर्वसम्मति से दिसंबर से मंदिर बनना शुरू हो जाएगा। विश्व हिंदू परिषद की नेता साध्वी प्राची ने कहा है कि मंदिर निर्माण के लिए 6 दिसंबर की तारीख तय की जानी चाहिए। अयोध्या विवाद पर बीजेपी और संघ नेताओं की बयानबाजी को लेकर कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने निशाना साधा है। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा है कि मोदी सरकार अपनी विफलताओं से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए राम मंदिर और मूर्तियों का सहारा ले रही है। बता दें कि यूपी की योगी सरकार की अयोध्या में राम की मूर्ति बनाने की योजना सामने आई है। इसपर थरूर ने कहा, ‘प्रतिमाओं को स्थापित करना मुझे रोमन साम्राज्य के उन दिनों की याद दिलाता है, जब लोगों को उनके ऊपर हो रहे अत्याचारों से ध्यान भटकाने के लिए सर्कस दिखाया जाता था।’
वहीं, सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने संघ द्वारा अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का मुद्दा उठाने को देश की कानून-व्यवस्था एवं शांति बहाली के लिये खतरा बताया है। येचुरी ने आरएसएस नेताओं के मंदिर निर्माण के बारे में दिये गये बयानों का हवाला देते हुए कहा है कि आरएसएस का यह दिखावा मात्र है कि उसकी संविधान में आस्था है।
संगठनों की तरफ से मोदी सरकार पर अध्यादेश लाने का दबाव बन रहा है।

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