वॉशिंगटन,७ अप्रैल। अमेरिका को भारत की तटस्थता रास नहीं आ रही है। अमेरिका चाहता है कि भारत भी अन्य देशों की भांति उसके रुख का समर्थन करे तथा रूस के खिलाफ बयान जारी करे। अमेरिका कई बार भारत को स्टैंड लेने की बात कह चुका है और कई बार इसे लेकर अपरोक्ष रूप से दबाव बनाने की कोशिश भी कर चुका है। लेकिन भारत अब तक अपने तटस्थता बनाए रखने के रुख़ पर क़ायम है। भारत को अपने पाले में लाने की हर कोशिश के विफल हो जाने के बाद अब अमेरिका भारत को खुली धमकी देने पर उतर आया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के शीर्ष आर्थिक सलाहकार ब्रायन डीज ने कहा है कि रूस से गठबंधन की भारत को भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है। डीज ने कहा कि हम चीन और भारत के इस मुद्दे पर लिए गए फैसलों से निराश हुए हैं।
उन्होंने कहा कि यूक्रेन पर हमले के बाद नई दिल्ली की प्रतिक्रिया से अमेरिका को निराशा हुई है। हम चीन और भारत दोनों के फैसलों से निराश हुए हैं। गौरतलब है कि जहां अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान ने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध के जवाब में रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं। वहीं, भारत ने मना कर दिया और रूस से तेल के आयात को जारी रखा है।
उन्होंने कहा कि हमले पर नई दिल्ली की प्रतिक्रिया वॉशिंगटन के साथ उसके संबंधों को जटिल बना रही है। बता दें कि डीज की यह टिप्पणी उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह द्वारा पिछले सप्ताह अधिकारियों के साथ बैठक के लिए भारत आने के बाद आई है।
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