मुम्बई। सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सेंसर बोर्ड) ने पूर्व सेंसर बोर्ड अध्यक्ष पहलाज निहलानी के उन आरोपों को सिरे से नकार दिया है जिनमें उन्होंने कहा था कि उनकी फिल्म ‘रंगीला राजा’ के कुछ सीन्स को जानबूझकर हटाया गया है। इस मामले में पहलाज ने सेंसर बोर्ड के खिलाफ कोर्ट का रुख भी किया था। पहलाज का आरोप है कि सेंसर बोर्ड उनकी फिल्म के साथ भेदभाव कर रहा है और इसीलिए फिल्म को ‘यू/ए’ सर्टिफिकेट नहीं दिया गया है। इस मामले पर पहलाज ने वर्तमान सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी पर भी ‘राजनीतिक रूप से प्रभावित’ होने का आरोप भी लगाया था। बता दें कि सेंसर बोर्ड ने गोविंदा की मुख्य भूमिका वाली फिल्म ‘रंगीला राजा’ में 20 कट्स लगाए हैं। इन कट्स के खिलाफ ही पहलाज ने मुंबई हाई कोर्ट का रुख किया था। हालांकि कोर्ट ने पहलाज की अपील को खारिज कर उन्हें फिल्म सर्टिफिकेशन अपीलेट ट्राइब्यूनल (FCAT)में जाने को कहा था। इस मामले पर सेंसर बोर्ड ने एक स्टेटमेंट जारी करते हुए उनपर नियमों के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है। सेंसर बोर्ड ने कहा है, ‘फिल्म ‘रंगीला राजा’ को कमिटी ने ‘ए’ सर्टिफिकेट दिये जाने का सुझाव दिया था जबकि प्रड्यूसर फिल्म के लिए ‘यू/ए’ सर्टिफिकेट मांग रहे थे। इस फिल्म के कई डायलॉग महिलाओं के प्रति असंवेदनशील हैं। फिल्ममेकर्स ने रिव्यू के लिए FCAT जाने के बजाय सीधे ही कोर्ट का रुख कर लिया।’
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