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वर्ल्ड कप एक्सप्रेस 2019 के सवार तय नहीं!

नई दिल्ली। क्रिकेट के सबसे बड़े महामुकाबले वर्ल्ड कप के लिए चंद महीने ही बचे हैं। टीम इंडिया के लिहाज से फिलहाल सबसे अहम यह है कि वह अगले साल 5 जून को जब साउथैम्प्टन (इंग्लैंड) में साउथ अफ्रीका के खिलाफ विश्व कप का अपना पहला मुकाबला खेलने मैदान में उतरे, तो उससे पहले उसकी टीम पूरी तरह आश्वस्त और तैयार नजर नजर आए। 30 मई से शुरू हो रहे क्रिकेट के महासमर से पहले भारत को अब 50 ओवर फॉर्मेट वाले महज 13 मुकाबले और खेलने हैं। इनमें से उसे ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के खिलाफ उनकी धरती पर आठ वनडे मैच तो वहीं घरेलू जमीन पर ऑस्ट्रेलिया के ही खिलाफ पांच वनडे मैच खेलने का मौका मिलेगा। संभावित भारतीय टीम को लेकर हमने कुछ पूर्व क्रिकेटर्स से उनकी राय जानी।
क्रिकेट के पंडितों का कहना है कि वैसे तो सिलेक्टर्स के दिमाग में करीब 15-20 खिलाड़ियों का एक पूल तय ही है और इसमें बहुत ज्यादा हेर-फेर की संभावनाएं नहीं है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के आगामी दौरे में खिलाड़ियों का प्रदर्शन भी मायने रखेगा जिसके आधार पर अंतिम 16 और फिर आखिर में प्लेइंग इलेवन तय करने में मदद मिलेगी। टीम इंडिया के पूर्व मीडियम पेसर मदन लाल ने इस बारे में कहा ‘वर्ल्ड कप अभी दूर है। अभी कुछ भी हो सकता है, किसी को चोट लग सकती है। जब ऑस्ट्रेलिया की सीरीज खत्म हो जाएगी तो हमें कमोबेश रूप से पूरा पता चल जाएगा कि इंग्लैंड के लिए किसका टिकट कटेगा, किसका नहीं। ऑस्ट्रेलिया का दौरा एक मुश्किल दौरा होगा। हालांकि टीम में कोई बड़ा बदलाव नहीं होने वाला। करीब 15-20 प्लेयर्स हैं जो वर्ल्ड कप में जाने का दावा रखते हैं। फॉर्म और फिटनेस पर काफी कुछ निर्भर करता है। ऐसा नहीं है कि कोई बहुत ज्यादा खिलाड़ी चेंज होने वाले हैं।’
उन्होंने कहा कि टीम के अंदर बदलाव के लिए कोई बहुत ज्यादा जगह नहीं है। तेज गेंदबाजी में भुवनेश्वर कुमार, जसप्रीत बुमरा, उमेश यादव, खलील अहमद और मोहम्मद शमी के बीच से ही चुनाव होगा। अब कप्तान कोहली और टीम मैनेजमेंट कैसा कॉम्बिनेशन बनाते हैं यह उन पर निर्भर करेगा। स्पिन में युजवेंद्र चहल, कुलदीप यादव और तीसरे स्पिनर के तौर पर रविंद्र जाडेजा का ऑप्शन रहेगा। बल्लेबाजी में रोहित शर्मा, शिखर धवन, विराट कोहली, केएल राहुल और अंबाती रायडू की जगह तो पक्की ही लग रही है इसलिए बहुत बदलाव नहीं होंगे, जब तक कि किसी की फॉर्म बहुत खराब न हो जाए, लेकिन ऐसा होने के चांस कम हैं। 1987 के वर्ल्ड कप में हैटट्रिक ले चुके पूर्व तेज गेंदबाज चेतन शर्मा ने कहा कि सिलेक्टर्स के दिमाग में 20-22 खिलाड़ी रहते हैं और उन्हीं को रोटेशन के आधार पर खिलाया जाता है। उन्होंने कहा, ’12 प्लेयर्स तो हमेशा तैयार रहते हैं बस 1-2 चेंज किए जाते हैं जैसे कि तेज गेंदबाज की बात करें तो बुमराह और भुवी के अलावा खलील, शमी और उमेश के बीच से अंत में फॉर्म के आधार पर चुने जाएंगे। इस समय नंबर 5 के बैट्समैन की तलाश चयनकर्ताओं को होगी और अगर केदार जाधव फिट रहते हैं तो वे बढ़िया ऑप्शन हो सकते है। चार नंबर के लिए अंबाती रायुडू ने बढ़िया दावेदारी पेश की है। टीम इंडिया और 13 मैच खेलने जा रही है तो इसमें किया गया परफॉर्मेंस मायने रखेगा।’
चेतन ने कहा कि हमारी बोलिंग लाइनअप बिल्कुल सेट है। चार फोस्ट बोलर रहेंगे। हार्दिक पंड्या फिट हो गए तो वे वापसी करेंगे। बैटिंग ऑर्डर में चार, पांच और छह नंबर की बल्लेबाजी अभी सेट होनी है। उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया-न्यू जीलैंड से मिलते-जुलते कंडिशन ही इंग्लैंड में भी रहते हैं, इसलिए आगामी दौरे पर वनडे मैचों में किए गए प्रदर्शन आखिरी चयन में भूमिका निभाएंगे। यानी कुल मिलाकर जनवरी-फरवरी तक हमाने सामने साफ तस्वीर होगी कि वर्ल्ड कप का आखिरी टीम कॉम्बिनेशन क्या रहेगा। चेतन ने कहा कि धोनी की खराब बल्लेबाजी फॉर्म कोई मुद्दा नहीं, वो बड़े खिलाड़ी हैं और केवल एक मैच से वापसी कर सकते हैं।
इस वक्त भारतीय क्रिकेट में सबसे बड़ा सवाल चैंपियन विकेटकीपर बल्लेबाज और पूर्व वर्ल्ड कप विजेता कैप्टन महेंद्र सिंह धोनी के भविष्य को लेकर है। भारत को अपनी कप्तानी में टी20 में भी वर्ल्ड कप चैंपियन बनाने वाले माही को वेस्ट इंडीज और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 सीरीज से ड्रॉप किए जाने के बाद उनके वर्ल्ड कप की टीम में शामिल होने पर सवालिया निशान लगा हुआ है। पूर्व भारतीय क्रिकेटर अशोक मल्होत्रा ने कहा कि ज्यादातर टीम लगभग तय है, लेकिन सिलेक्टर्स के लिए महेंद्र सिंह धोनी की फॉर्म को लेकर चिंताएं जरूर हैं। वर्ल्ड कप की टीम के लिए उनके पास विकेटकीपर के रूप में धोनी और ऋषभ पंत के बीच चुनाव करने का विकल्प रहेगा। हालांकि धोनी का अनुभव काम आ सकता है।

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