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रुपे की चुनौती से घबराई अमेरिकी कंपनी मास्टरकार्ड, सरकार से की पीएम मोदी की शिकायत

नई दिल्ली। मोदी सरकार देसी पेमेंट नेटवर्क रुपे को प्रमोट करने लगी, तो इंडस्ट्री के विदेशी दिग्गज रोने लगे। अमेरिकी कंपनी मास्टरकार्ड ने तो अपनी सरकार के पास जाकर यह तक कह दिया कि मोदी सरकार अपने पेमेंट नेवटर्क को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रवाद का सहारा ले रही है। जून महीने में अमेरिकी सरकार से की गई शिकायत में मास्टरकार्ड ने नई दिल्ली पर संरक्षणवादी नीतियां अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि इससे विदेशी पेमेंट कंपनियों को नुकसान हो रहा है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने इस शिकायत का दस्तावेज देखा है।
दरअसल, मोदी सरकार भारत के अपने पेमेंट नेटवर्क रुपे को बढ़ावा दे रही है। रुपे की मजबूती से मास्टरकार्ड और वीजा, जैसी दिग्गज अमेरिकी पेमेंट कंपनियों का दबदबा खत्म हो चुका है। हालत यह हो गई कि भारत में 1 अरब डेबिट और क्रेडिट कार्ड्स में आधे यानी 50 करोड़ कार्ड्स के लिए रुपे पेमेंट सिस्टम का इस्तेमाल हो रहा रहा है। इसका मतलब है कि मास्टरकार्ड जैसी कंपनियां दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते पेमेंट्स मार्केट्स में से एक भारत में तेज रफ्तार से विस्तार का लक्ष्य बहुत कठिन हो जाएगा। मोदी ने देसी कार्ड पेमेंट नेटवर्क का यह कहते हुए बार-बार समर्थन किया है कि रुपे का इस्तेमाल करना, देश की सेवा करना है क्योंकि इसका ट्रांजैक्शन फी देश में ही रहता है, विदेश नहीं जाता। इससे देश में सड़कें, स्कूल और अस्पताल बनाने के लिए धन की जरूरत पूरी होगी। 21 जून को मास्टरकार्ड ने ऑफिस ऑफ यूनाइटेड स्टेट्स ट्रेड रेप्रजेंटेटिव (यूएसटीआर) को मोदी के इस रुख का लिखित हवाला देते हुए कहा है कि ‘प्रधानमंत्री ने रुपये कार्ड के इस्तेमाल को यह कहते हुए राष्ट्रवाद से जोड़ दिया है कि यह एक प्रकार से ‘राष्ट्र की सेवा’ है।’
हालांकि, मास्टरकार्ड के वाइस प्रेजिडेंट ने अपने नोट में कहा कि डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने की पीएम मोदी की नीति की सराहनीय है। लेकिन, उनका कहना है कि भारत सरकार ने कई संरक्षणवादी कदमों का ऐलान किया है जो वैश्विक कंपनियों के लिए घातक साबित हो रही हैं। इससे पहले न्यू यॉर्क की पेमेंट कंपनी पर्चेज ने भी रुपे के विस्तार पर नाराजगी जाहिर कर चुकी है। पर्चेज दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी पेमेंट्स प्रसेसर है।
मास्टरकार्ड ने अमेरिकी सरकार से यह प्रस्ताव रखने को कहा कि भारत सरकार रुपे से होनेवाली आमदनी को लेकर भ्रम फैलाने के साथ-साथ इसे विशेष प्रयास के तहत बढ़ावा दे रही है, जिसे रोका जाना चाहिए। इस मसले पर रॉयटर्स के सवाल के जवाब में मास्टरकार्ड ने कहा कि वह भारत सरकार की पहल का भरपूर समर्थन करती है और उसने भारत में बड़ा निवेश कर रखा है। लेकिन, कंपनी USTR नोट के वक्तव्यों पर टिप्पणी नहीं कर सकती।

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