बिहार में भाजपा अभी सत्ता से बाहर हुई है। जनता दल यू ने भाजपा से तालमेल तोड़ कर राजद के साथ सरकार बनाई है। उसके तुरंत बाद केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई बिहार में शुरू हो गई है। राष्ट्रीय जनता दल और लालू प्रसाद के परिवार से जुड़े पुराने मामलों में छापेमारी तेज हो गई है। जिस दिन राज्य की नई सरकार को विधानसभा में बहुमत साबित करना था उसी दिन सुबह सीबीआई ने राजद के अनेक नेताओं के यहां छापा मारा। कोई डेढ़ दशक पहले रेल मंत्री रहे लालू प्रसाद ने कथित तौर पर जमीन के बदले रेलवे में नौकरी दी थी। उसी सिलसिले में राजद के कोषाध्यक्ष, राजद के दो सांसदों, एक पूर्व विधायक और पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ चुके एक नेता के यहां सीबीआई का छापा पड़ा।
ये सारे आर्थिक रूप से सक्षम और कारोबार करने वाले लोग हैं। उनके यहां छापे के जरिए लालू प्रसाद के परिवार पर दबाव बनाया गया है। दूसरी ओर निश्चित रूप से नीतीश कुमार भी इससे दबाव में आए होंगे। इसी मामले में लालू प्रसाद के एक करीबी सहयोगी को पहले गिरफ्तार किया जा चुका है। भाजपा के नेता अब एक पुराने मामले में, जिसमें आरोपपत्र दाखिल हो चुका है, तेजस्वी यादव के फंसने की भविष्यवाणी कर रहे हैं।
जिस तरह झारखंड के बारे में भाजपा के नेता कह रहे हैं कि हेमंत हटेंगे तो अपनी पत्नी को सीएम बनाएंगे उसी तरह बिहार में कह रहे हैं कि तेजस्वी हटेंगे तो उनकी पत्नी उप मुख्यमंत्री बनेंगी। इस तरह की अफवाहों का बाजार गर्म है। यह सब इसलिए शुरू हुआ है क्योंकि भाजपा सत्ता से बाहर हो गई है।
