अमृतसर। अमृतसर ट्रेन हादसे के दौरान चंद सेकंड के अंतर से एक बच्चेा के लिए ‘भगवान’ बन उसे बचाने वाली मीना देवी (55) ने उस दर्दनाक रात की पूरी कहानी बयां की है। बच्चे की जिंदगी ‘कैच’ करने वाली मीना देवी ने बताया कि किस तरह से वह हवा में उछले बच्चे को बचाने में सफल रहीं और कैसे बच्चे के माता-पिता की तलाश में आधी रात तक वह भटकती रहीं। दरअसल, जोड़ा फाटक के पास आयोजित दशहरा मेले में शामिल होने के लिए मीना देवी भी वहां मौजूद थीं। इस दर्दनाक हादसे को करीब से देखने वालीं मीना ने उस शख्स के बच्चे को नई जिंदगी दी है, जो आयोजन के दौरान ठीक उनके बगल में खड़ा था।
मीना ने बताया, ‘रावण दहन के दौरान एक शख्स अपने बच्चे के साथ मेरे पास ही खड़ा था। अचानक जब ट्रेन लोगों को कुचलती हुई आगे बढ़ी तब दोनों पीछे की तरफ झटके से गिरे। मैं किसी भी तरह बच्चे को कैच करने में सफल हो पाई।’ मीना ने बताया कि उन्होंने इस बच्चे के परिजनों की तलाश में वह आधी रात तक भटकती रहीं। उन्होंने कहा, ‘मैं बच्चे के माता-पिता की तलाश में आधी रात तक वहां इधर-उधर भटकती रही। इसके बाद मैंने पुलिस स्टेशन जाकर रिपोर्ट दर्ज कराई। अगले दिन हम सिविल अस्पताल गए जहां एक महिला जज ने बच्चे को अपने संरक्षण में ले लिया। मुझे उम्मीद है कि बच्चे को कोई मिल जाएगा या फिर उसे गोद लेने के लिए तैयार हूं।’ हालांकि, कई घंटे बीतने के बाद प्रशासन ने 10 महीने के बच्चे के परिवार का पता लगा लिया है, जिसका सिविल अस्पताल में इलाज चल रहा है। बच्चे की पहचान विशाल के रूप में हुई है और उसकी मां राधिका दुर्घटना में बुरी तरह से घायल हो गई थीं, जिन्हें कि इलाज के लिए अमृतसर के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया। सूत्रों का कहना है कि जिस व्यक्ति की गोद से विशाल ट्रेन की टक्कर लगने से उछल गया था, उस शख्स की मौत हो चुकी है। मीना देवी नेपाल से ताल्लुक रखती हैं और वह कार्यक्रमों में खाना बनाने का काम करती हैं, उनके इस निस्वार्थ काम के लिए लोगों ने उनकी जमकर तारीफ की। उनकी पड़ोसी आरती कपूर कहती हैं, ‘हमें उन पर गर्व है क्योंकि न सिर्फ उन्होंने बच्चे को बचाया बल्कि उसकी अच्छी देखभाल को भी आश्वस्त किया।