नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आधार ऐक्ट के सेक्शन 57 के कुछ हिस्सों को असंवैधानिक करार दिया है, जिससे बैंक और टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडरों समेत प्राइवेट कंपनियां ऑथेंटिकेशन के लिए आधार का इस्तेमाल नहीं कर सकती। हालांकि सरकार अब कुछ ऐसे प्रावधान के बारे में सोच रही है, जिससे बैंक और प्राइवेट कंपनियां पहले की तरह आधार का इस्तेमाल कर सकें। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को आधार पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया और उसके कुछ घंटे बाद ही वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि निजी कंपनियां या संस्थाएं आधार का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगी लेकिन अगर कानूनी सहारा मिले तो ऐसा मुमकिन है। जेटली ने कहा कि अभी उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को विस्तार से नहीं पढ़ा है। प्राइवेट कंपनियों के आधार डेटा इस्तेमाल पर जेटली ने कहा, ‘प्राइवेट कंपनियों को लेकर मेरा फिलहाल उत्तर यही होगा कि इसे कानूनी समर्थन की जरूरत है। हम देखेंगे कि उन्होंने (कोर्ट) क्या आधार दिया है।’ उन्होंने कहा, ‘मैंने अभी फैसले को विस्तार से नहीं पढ़ा है। वर्जित क्षेत्र को इस तरह नहीं ले सकते कि वे हमेशा के लिए वर्जित क्षेत्र हैं।’ सरकार अब अलग-अलग मंत्रालयों के बीच उन विकल्पों को लेकर चर्चा करेगी, जिससे कुछ क्षेत्रों में पहले की तरह ही ऑथेंटिकेशन के लिए आधार का इस्तेमाल किया जा सके। जेटली ने कहा कि कोर्ट ने कुछ चीजों में आधार के इस्तेमाल को गलत ठहराया है तो कुछ जगहों पर इसके इस्तेमाल की इजाजत दी है। उन्होंने कहा कि वह कुछ क्षेत्रों में आधार के इस्तेमाल पर बैन से चिंतित होने के बजाय कुछ क्षेत्रों में इसके इस्तेमाल की इजाजत से खुश हैं।
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