नई दिल्ली। बिहार सरकार की पूर्व मंत्री मंजू वर्मा के घर हथियारों की बरामदगी के बाद उनकी अबतक गिरफ्तारी न होने पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को काफी तल्ख टिप्पणियां की। कोर्ट ने बिहार पुलिस को फटकार लगाते हुए डीजीपी को पेश होने का आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 27 नवंबर को होगी। कोर्ट ने कहा, ‘हम हैरान हैं कि पुलिस एक पूर्व कैबिनेट मंत्री का महीने भर में सुराग तक नहीं लगा पाई। पुलिस बताए कि आखिर इतनी महत्वपूर्ण शख्स को अबतक ट्रेस क्यों नहीं कर पाई। डीजीपी कोर्ट में पेश हों।’
जस्टिस मनन बी. लोकुर ने बिहार पुलिस से कहा, ‘अद्भुत! कैबिनेट मंत्री (मंजू वर्मा) फरार है, अद्भुत। यह कैसे हो सकता है कि कैबिनेट मंत्री फरार हो और किसी को पता ही न हो कि वह कहां हैं। आपको इस मुद्दे की गंभीरता पता है कि कैबिनेट मंत्री फरार हैं। हद है, यह बहुत ज्यादा है।’ बिहार के बहुचर्चित मुजफ्फरपुर शेल्टर होम रेप कांड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा का करीबी माना जाता है। इसी कांड को लेकर वर्मा को नीतीश कैबिनेट से इस्तीफा देना पड़ा। शेल्टर होम कांड के सिलसिले में सीबीआई ने 17 अगस्त को मंजू वर्मा के बेगूसराय जिला स्थित आवास पर छापेमारी की थी। इस दौरान उनके घर से अवैध हथियार के साथ 50 कारतूस बरामद किए थे, जिसके बाद मंजू वर्मा और उनके पति चन्द्रशेखर वर्मा के खिलाफ चेरिया बरियारपुर थाने में केस दर्ज किया गया। तब से ही मंजू वर्मा का कुछ अता-पता नहीं चल रहा है। 31 अक्टूबर को एक निचली अदालत ने वर्मा के खिलाफ अरेस्ट वॉरंट भी जारी किया था। मंजू वर्मा के पति चन्द्रशेखर वर्मा ने इस 29 अक्टूबर को कोर्ट में सरेंडर कर दिया था, लेकिन पूर्व मंत्री अब भी फरार हैं।
