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देश के सबसे बड़े लॉ फर्म सिरिल अमरचंद तक पहुंची सीबीआई जांच की आंच

मुंबई/नई दिल्ली। पंजाब नैशनल बैंक से जुड़ी करीब 14 हजार करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की जांच की जद में भारत का सबसे बड़ा लॉ फर्म सिरिल अमरचंद मंगलदास (CAM) भी पहुंच चुका है। सीबीआईने इस साल फरवरी में लॉ फर्म के परिसरों में छापे मारे थे और उस दौरान उन्होंने पीएनबी फ्रॉड से जुड़े कुछ दस्तावेजों को जब्त किया था। इस मामले में सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले एक वकील और पुलिस से जुड़े एक सूत्र ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि केंद्रीय एजेंसी अब सिरिल अमरचंद मंगलदास की भूमिका की जांच कर रही है। भारत का सबसे बड़ा बैकिंग फ्रॉड कहा जा रहा यह मामला जनवरी में सामने आया था। अरबपति हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी ने कुछ बैंक कर्मचारियों के साथ मिलकर फर्जीवाड़ा के जरिए फॉरन क्रेडिट के रूप में पीएनबी को हजारों करोड़ रुपये का चूना लगाया।
फरवरी मध्य में नीरव मोदी के सहयोगियों ने मुंबई स्थित डायमंड फर्म के दफ्तर से कई बंडलों में दस्तावेजों को पैक किया था और उसे CAM के नजदीकी दफ्तर में पहुंचाया था। जांच एजेंसियों ने सप्ताह भर के भीतर 21 फरवरी को इन दस्तावेजों को जब्त कर लिया था। नीरव मोदी केस में सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील के. राघवआचार्युलु और सीबीआई के 2 सूत्रों ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया कि CAM के पास पीएनबी फ्रॉड से जुड़े दस्तावेज मिले थे। इन्होंने बताया कि CAM न तो नीरव मोदी का प्रतिनिधित्व कर रहा था न ही उसकी कंपनियों का, इसके बाद भी उसके यहां इस फ्रॉड से जुड़े दस्तावेज मिले। रॉयटर्स ने जब लॉ फर्म CAM से इस बावत संपर्क किया तो उसने नीरव मोदी के साथ अपने रिश्ते पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। CAM की प्रवक्ता मधमिता पॉल ने कहा कि उनका फर्म कानूनी नियमों का सख्ती से पालन करता है और मामला न्यायालय में लंबित होने की वजह से इस पर टिप्पणी नहीं की जा सकती। पीएनबी फ्रॉड केस में मई में दाखिल अपनी पहली चार्जशीट में सीबीआई ने कहा कि इससे जुड़े दस्तावेजों को CAM के दफ्तर में छिपा कर रखा गया था। हालांकि लॉ फर्म के खिलाफ कोई आरोप नहीं लगा है और न ही गवाह के तौर पर उसका नाम शामिल किया गया है।
राघवआचार्युलु के मुताबिक पुलिस ने CAM के किसी अधिकारी से पूछताछ नहीं की, लेकिन सीबीआई सूत्र ने दावा किया है कि पहली चार्जशीट दाखिल किए जाने से पहले पुलिस ने CAM के कम से कम एक जूनियर वकील को समन भेजकर पूछताछ की थी और उसके बयान दर्ज किए थे। CAM के वकील के बयान को अभी तक कोर्ट में पेश नहीं किया गया है, क्योंकि एजेंसी इस बात पर विचार कर रही है कि सबूतों को छिपाने के लिए लॉ फर्म के खिलाफ चार्जशीट लाई जाए या नहीं। सूत्रों ने बताया कि एजेंसी इस पर भी विचार कर रही है कि क्या CAM को नीरव मोदी के खिलाफ गवाह के तौर पर पेश किया जाए। राघवआचार्युलु ने बताया कि यह मुमकिन है कि पुलिस दस्तावेजों को छिपाने में मदद के लिए CAM के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करे। उन्होंने कहा कि नीरव मोदी केस की अगली चार्जशीट में CAM का नाम शामिल करने की संभावना खुली हुई है। सिरिल अमरचंद मंगलदास (CAM) ने इस पर कुछ भी बोलने से इनकार किया कि उसके पास पीएनबी फ्रॉड से जुड़े दस्तावेज क्यों थे। दूसरी तरफ सीबीआई के प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने भी रॉयटर्स की रिपोर्ट पर यह कहते हुए टिप्पणी करने से इनकार किया कि मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है और इसकी जांच अभी चल रही है।

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