नई दिल्ली। करीब पांच साल के इंतजार के बाद दिल्ली की संशोधित लैंड पूलिंग पॉलिसी को केंद्र ने शुक्रवार को नोटिफाई कर दिया। उम्मीद है कि इस पर अमल से कुछ वर्षों में दिल्ली में 17 लाख से ज्यादा नए घर बन सकेंगे, जहां 76 लाख लोग रह सकेंगे। इससे डीडीए पर निर्भरता कम होगी और अवैध कॉलोनियों पर भी रोक लगेगी। फिलहाल इस पॉलिसी के तहत 95 गांवों को नोटिफाई किया गया है। आवास और शहरी कार्य मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, पॉलिसी के तहत जो भी हाउसिंग सोसायटी होगी, उसमें जमीन के 60% हिस्से पर घर बनेंगे और 40% जमीन पर लोगों के लिए जरूरी सुविधाएं मसलन, सड़कें, पार्क, सीवर डिवेलप किए जाएंगे। इन घरों की खातिर औपचारिकताएं जल्द पूरी हों, इसकेलिएडीडीएसिंगलविंडोसिस्टमशुरूकरेगा।
दिल्ली के शहरी विकास मंत्री सत्येंद्र जैन ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी के चार अलग–अलग जगहों पर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए लगभग 5,600 फ्लैटों के निर्माण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी) ने भलस्वा, संगम पार्क, लाजपत नगर और करोल बाग के देव नगर में ईडब्ल्यूएस के लिए 5,594 फ्लैटों के निर्माण प्रस्ताव को मंजूरी दी। झुग्गी–झोपड़ियोंमेंरहनेवालेलोगोंकेपुनर्वासकेलिएदिल्लीसरकारकीमहत्त्वाकांक्षीयोजनाकेतहतइनफ्लैटोंकानिर्माणकियाजाएगा।