वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने ट्रेड वॉर को तेज करते हुए सोमवार को चीन से आयात होने वाले करीब 200 अरब डॉलर (करीब 14 लाख 42 हजार करोड़ रुपये) के सामानों पर 10 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया। आगे चलकर इन सामानों पर टैरिफ बढ़कर 25 प्रतिशत हो जाएगा। हालांकि ऐपल स्मार्ट वॉच और फिटबिट व बाइसकल हेल्मेट, बेबी कार सीट्स जैसे कंज्यूमर प्रॉडक्ट्स को इस दायरे से बाहर रखा गया है। ट्रंप ने टैरिफ वॉर के पहले चरण में पहले ही चीन से आयात होने वाले 50 अरब डॉलर (करीब 3 लाख 62 हजार करोड़ रुपये) के सामानों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लागू कर चुके हैं। चीन को लेकर ट्रंप के तेवर इतने तीखे हैं कि उन्होंने टैरिफ के नए दौर के ऐलान के साथ चीन को जवाबी कार्रवाई को लेकर सख्त चेतावनी भी दी है। अपने बयान में ट्रंप ने कहा कि अगर चीन अमेरिका के किसानों या उद्योगों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करता है तो, ‘हम तत्काल तीसरे चरण की शुरुआत करेंगे, जिसके तहत करीब 267 अरब डॉलर (करीब 19 लाख 34 हजार करोड़ रुपये) के अतिरिक्त सामानों के आयात पर टैरिफ लगेगा।’
फिलहाल तो ऐपल के प्रॉडक्ट्स को नए टैरिफ प्लान में छूट मिल गई है लेकिन अगर ट्रंप प्रशासन 267 अरब डॉलर के अतिरिक्त सामानों पर टैरिफ लगाता है तो चीन से यूएस में आयात होने वाले आईफोन और उसके दूसरे प्रतिस्पर्धियों को शायद ही छूट मिल पाए। 200 अरब डॉलर का नया टैरिफ प्लान 24 सितंबर से प्रभावी होगा। अगले हफ्ते सोमवार से 200 अरब डॉलर वाली सूची के सामानों पर 10 प्रतिशत टैरिफ लगेगा लेकिन 1 जनवरी 2019 से इन सामानों पर टैरिफ बढ़कर 25 प्रतिशत हो जाएगा। अमेरिका अगर 267 अरब डॉलर के अतिरिक्त सामानों पर भी टैरिफ लगा देता है तो चीन से आयात होने वाले 517 अरब डॉलर (करीब 37 लाख 45 हजार करोड़ रुपये) के सामानों पर टैरिफ लग जाएंगे यानी चीन से होने वाले तकरीबन सभी आयातित सामानों पर टैरिफ लग जाएगा। चीन के सामानों पर टैरिफ का यह फैसला तब लिया गया जब दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के व्यापार से जुड़े मतभेदों को खत्म करने की कोशिश नाकाम हो गई। अमेरिका के ट्रेजरी सेक्रटरी स्टीवन मुचिन ने पिछले हफ्ते चीन के शीर्ष अधिकारियों को नए दौर की बातचीत के लिए आमंत्रित किया था लेकिन अभी तक शेड्युल ही तय नहीं हो पाया है। डॉनल्ड ट्रंप ने अपने बयान में कहा, ‘हम जरूरी बदलावों को लेकर स्पष्ट हैं। हमें पता है कि किस तरह के बदलाव करने हैं और हमने चीन को सही से व्यवहार करने के लिए हर मुमकिन मौके दिए हैं। लेकिन अभी तक चीन अपने रवैये में बदलाव का इच्छुक नहीं दिखा है।’ दूसरी तरफ चीन ने बातचीत से विवाद के हल की बात कही है। चीन के सिक्यॉरिटी रेग्युलेटर के वाइस चैयरमैन फैंग जिंघाई ने बंदरगाह शहर तियानजिन में मंगलवार को एक फोरम में कहा कि उन्हें उम्मीद है कि दोनों पक्ष साथ बैठेंगे और बात करेंगे। हालांकि उन्हें साथ में यह भी कहा कि अमेरिका के हालिया कदम ने बातचीत के माहौल को ‘जहरीला’ बना दिया है।
