औरंगाबाद। महाराष्ट्र पुलिस ने मंगलवार को अल-मुबिन- एजुकेशन सोसायटी के अध्यक्ष और सदस्य को धोखाधड़ी और जालसाजी के मामले में गिरफ्तार कर लिया जबकि उसके चार अन्य सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। दोनों पर आरोप है कि वे एक शिक्षक को नौकरी पर दिखाकर उसके नाम से वेतन निकालते रहे जबकि उस शिक्षक का कोई अस्तित्व ही नहीं था। पुलिस ने बताया कि अल-मुबिन- एजुकेशन सोसायटी कैसर कॉलोनी में अल असगरी ऊर्दू हाई स्कूल नाम से स्कूल चलाती है। यह स्कूल सरकारी वित्त सहायता प्राप्त स्कूल है। संस्था की अध्यक्ष असगरी बेगम और सदस्य शेख शोएब ने चार अन्य सदस्यों के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेजों पर एक फीमेल टीचर का अपॉइंटमेंट दिखाया और उसे शिक्षा विभाग से अप्रूव करवा लिया।
छह साल तक ये लोग कागजी टीचर के नाम पर वेतन निकालते रहे। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब काजी मोहम्मद मोइजुद्दीन ने दस्तावेजों सहित पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में कहा गया है कि अर्शिया बेगम स्कूल में आई थीं और टीचर के पद के लिए इंटरव्यू दिया था। इसके लिए अर्शिया ने अपने सभी शैक्षिक दस्तावेजों की प्रतियां जमा की थीं। अर्शिया को इंटरव्यू के बाद कोई कॉल नहीं किया गया। उसे लगा कि शायद उसका सलेक्शन नहीं हुआ। अर्शिया ने मौलाना मोहम्मद अली जौहर डीएड कॉलेज में असिस्टेंट प्रफेसर के पद पर नौकरी जॉइन कर ली। यहां नौकरी करने के बाद उन्होंने 2013 में नौकरी बदल ली। जिनसी थाने के एसआई श्यामसुंदर वसुरकर ने बताया कि अर्शिया के दस्तावेजों में सोसायटी के अध्यक्ष और सदस्य की तरफ से किसी अन्य महिला की फोटो लगा दी गई। उसके बाद से उन लोगों ने अर्शिया के नाम पर वेतन लेना शुरू कर दिया। इन लोगों ने छह साल तक शिक्षा विभाग से 25 लाख रुपये अर्शिया के वेतन के नाम पर लिए।