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जरदारी और उनके साथियों ने पाकिस्तान के सरकारी निकायों को हथियाया: जेआईटी

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और उनके सहयोगियों ने संदिग्ध तरीकों से सरकारी निकायों को हथियाया था। उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त जांच दल ने फर्जी बैंक खातों की जांच करते हुए यह बात कही है। उच्चतम न्यायालय में इस संयुक्त जांच दल (जेआईटी) द्वारा सौंपी गयी रिपोर्ट के अनुसार ओमनी ग्रुप (जिसका स्वामित्व कथित रुप से जरदारी और उनके करीबियों के हाथों में थी) ने सिंध में औने-पौने दाम पर चार सरकारी निकायों– थट्टा सीमेंट फैक्टरी, थट्टा सुगर मिल्स, नौदेरो सुगर मिल्स और दादू सुगर मिल्स को अधिग्रहीत किया था। पीटीआई के पास इस रिपोर्ट के अनुसार कुछ मामलों में फर्जी बैंक खातों से भुगतान किया गया। उदाहरण के लिए थट्टा सीमेंट 13.5 करोड़ रुपये खरीदा गया और यह राशि फर्जी बैंक खातों से भुगतान की गयी। उच्चतम न्यायालय ने पांच सितंबर को यह जेआईटी बनायी थी जिसमें संघीय जांच एजेंसी, राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो, संघीय राजस्व ब्यूरो, पाकिस्तान स्टेट बैंक, पाकिस्तान प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग और इंटर सर्विसे इंटेलीजेंस के सदस्य हैं। इस बीच पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने इस रिपोर्ट को दृढता से नकार दिया है और कहा कि जरदारी को बदनाम करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा रहा है।

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