नई दिल्ली। गंगा को साफ- सुथरा और स्वच्छ बनाने के प्रयासों के तहत सरकार की बड़ी प्राथमिकता सात राज्यों में सीवरेज ढांचा तैयार करने की है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग तथा नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार को कहा कि सरकार सात राज्यों में कुल 18,000 करोड़ रुपये की लागत 115 दूषित जल शोधन संयंत्र लगा रही है। गडकरी ने कहा कि इसके अलावा नदी किनारों के विकास और गंगा पर राष्ट्रीय जलमार्ग के विकास के जरिये कार्गो परिवहन को प्रोत्साहन की योजनाएं भी चल रही हैं। गडकरी ने कहा, ‘गंगा को निर्मल और अविरल बनाने के लिए सरकार कदम आगे बढ़ा रही है। इसके तहत सरकार उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, हरियाणा और दिल्ली में 17,876.69 करोड़ रुपये की लागत से 115 दूषित जल शोधन संयंत्र लगा रही है। उन्होंने बताया कि ये 115 परियोजनाएं गंगा नदी के विकास के लिए लगाई जाने वाली कुल 240 परियोजनाओं का ही हिस्सा हैं। मंत्री ने बताया कि इनमें से 27 परियोजनाएं पहले ही पूरी हो गई हैं। 42 में काम चल रहा है और सात परियोजनाएं आवंटित की जा चुकी हैं। गडकरी ने बताया कि इनमें से 34 अन्य परियोजनाओं के लिए टेंडर निकाली जा चुकी है। मंत्री ने कहा कि अगले छह महीने में सफाई का काम उल्लेखनीय रूप से नजर आने लगेगा। उन्होंने कहा कि नदी में बदलाव लाना उनके दिल से जुड़ा है।
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