नई दिल्ली,28 जुलाई। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कार्यभार संभालने के बाद पहली भारत यात्रा की। उन्होंने भारत के विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर से मुलाक़ात की। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट कर बताया है कि भारत-अमेरिका सहयोग को लेकर, दोनों देशों के साझा हित और समान सरोकार को लेकर बातचीत हुई। साथ ही कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ दोनों देशों के बीच सहयोग की भी बात हुई।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति और समृद्धि के लिए साझा प्रयास करने की बात कही। उन्होंने अफगानिस्तान में लोकतांत्रिक स्थिरता के लिए काम करने पर भी जोर दिया। साथ ही भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिकी ग्रुप क्वाड को और मजबूत करने की बात कही। इसके साथ ही जयशंकर ने समसामयिक चुनौतियों पर और भी नज़दीक से काम करने की जरूरत पर जोर दिया। रक्षा विशेज्ञय ब्रह्मा चेलानी बताते हैं कि, ‘अफगानिस्तान से जल्दी और सही तरीके से प्लान किए बिना अमेरिकी सैनिकों की वापसी ने नई दिल्ली को बहुत अधिक परेशान किया है। भारत इस बात को लेकर परेशान है कि तालिबान को पाकिस्तान का सपोर्ट हासिल है और इस कारण भारत में आतंकी हमलों में बढ़ोतरी हो सकती है।’ जब तक अफगानिस्तान पर तालिबान का शासन रहा है, तब तक तालिबान ने भारत विरोधी चरमपंथियों का स्वागत किया है। भारत सरकार, अफगानिस्तान सरकार को अफगान जनता का प्रतिनिधि मानती रही है। ऐसे में तालिबान के बढ़ते असर को देखते हुए भारत ने कांधार स्थित वाणिज्य दूतावास से कई कर्मचारियों को बाहर निकाल लिया है।

 
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