नई दिल्ली। आपकी होम लोन और दूसरे सभी तरह के लोन की ईएमआई बढ़ सकती है। जानकारों को लगता है कि रिजर्व बैंक का 4 अक्टूबर की मॉनिटरी पॉलिसी में दरें बढ़ाना तय है। रुपए में गिरावट जारी है। ये मंगलवार को 1 डॉलर के मुकाबले 73 के स्तर पर पहुंच गया। रुपए की गिरावट को थामने के लिए रिजर्व बैंक से दरें बढ़ाने की मांग बढ़ गई है। निवेशकों को लगता है कि इस साल रिजर्व बैंक 2 बार दरें बढ़ा सकता है। सरकार ने हाल ही में रुपए की गिरावट को थामने के लिए जो कदम उठाए थे उन्होंने ठीक से काम नहीं किया। इसके बाद इस साल तीसरी बार रेपो रेट में बढ़ोतरी की आशंका गहरा गई है। जेपी मॉर्गन के इमर्जिंग मार्केट के इकोनॉमिक रिसर्च के प्रमुख जहांगीर अजीज को लगता है कि इस साल दरों में 2 बार बढ़ोतरी होगी।
पूरे एशिया में रुपए ने इस साल सबसे खराब प्रदर्शन किया है। अप्रैल से अब तक रिजर्व बैंक ने रुपए को थामने के लिए करीब 20 से 25 अरब डॉलर खर्च कर दिए हैं। इसके बाद भी इसकी गिरावट नहीं धम रही है। बीएस के मुताबिक ICICI सिक्योरिटी के चीफ इकोनॉमिस्ट ए प्रसन्ना को लगता है कि दिसंबर तक दरों में 0.5 फीसदी की बढ़ोतरी होगी। 3 महीने का ओवरनाइट इंडेक्स्ड स्वाप रेट 0.5 फीसदी बढ़ गया है। इससे संकेत मिल रहा है दरों में बढ़ोतरी होगी। ये फैसला रिजर्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी करेगी कि दरें बढ़ानी चाहिए या नहीं। जानकारों के मुताबिक अगर रुपया लगातार गिरता है और इसकी गिरावट नहीं थमती है तो रिजर्व बैंक 4 अक्टूबर की पॉलिसी से पहले भी दरें बढ़ा सकता है। कुछ जानकारों को लगता है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व अगले हफ्ते दरों में बढ़ोतरी कर सकता है। रिजर्व बैंक भी इससे संकेत लेकर बढ़ोतरी कर सकता है। हालांकि कुछ जानकारों को लगता है कि रेपो रेट में बढ़ोतरी करने से रुपए पर कोई असर आएगा। महंगाई अगस्त में 4.17 फीसदी से गिरकर 3.69 फीसदी हो गई। हालांकि आने वाले महीनों में महंगाई और बढ़ेगी। इस कारण भी दरों में बढ़ोतरी की आशंका गहरा गई है।
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