नई दिल्ली,०४ जून । ऑस्ट्रेलिया २०१९ में १२,००० से अधिक करोड़पतियों का स्वागत करते हुए, दुनिया भर में हाई नेट वर्थ वाले व्यक्तियों के लिए सबसे पसंदीदा प्रवासन गंतव्य के रूप में उभरा है। व्यापार करने के लिए दुनिया में सबसे अनुकूल वातावरण में से एक ऑस्ट्रेलिया में मिलता है और इसकी अर्थव्यवस्था बहुत मजबूत और सुदृढ़ है।
क्वींसलैंड, ऑस्ट्रेलिया, कोविड-१९ महामारी के उत्कृष्ट संचालन और शिक्षा, खनिज, नवीकरणीय और कृषि क्षेत्रों में अवसरों के कारण प्रवासियों के लिए पसंदीदा गंतव्य के रूप में उभर रहा है।
ऑस्ट्रेलिया-भारत अंतरिम आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों को और बढ़ावा देने वाला है। समझौते से ऑस्ट्रेलिया को भारतीय निर्यात पर ९५ प्रतिशत से अधिक वस्तुओं और सेवाओं पर शुल्क समाप्त हो जाएगा।
ऑस्ट्रेलिया को भारत में भी अच्छी खासी बाजार पहुंच हासिल होगी और भारत को होने वाले ऑस्ट्रेलियाई सामानों और सेवाओं के निर्यात के ८५ प्रतिशत से अधिक सामान पर शुल्क समाप्त हो जाएगा। जून २०१९ के अंत में दर्ज किए एक आंकड़े पर गौर करें तो उस समय तक ६६०,३५० भारतीय मूल के लोग ऑस्ट्रेलिया में रह रहे थे। यह संख्या ३० जून २००९ को दर्ज की गई संख्या से दोगुनी से भी अधिक है, क्योंकि उस समय तक ऑस्ट्रेलिया में भारतीय मूल के लोगों की संख्या महज ३०७,५९० थी। अभी यह संख्या आने वाले दिनों में और बढऩे की उम्मीद है। भारतीय मूल की आबादी ऑस्ट्रेलिया में तीसरा सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय बन चुकी है।