नई दिल्ली। कुछ दिन पहले आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेताओं में शामिल आशुतोष और आशीष खेतान ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि दोनों ने निजी कारणों का हवाला देते हुए पार्टी से इस्तीफा दिया था, लेकिन खबरों की मानें तो अंदर की कहानी कुछ और है। पत्रकार से नेता बने ये दोनों शख्स पहली बार राजनीति में आए थे। काफी समय से दोनों नेताओं की अहमहियत पार्टी में कम होते जा रही थी। मुख्यमंत्री केजरीवाल जो हर मुद्दे पर बेबाकी के साथ ट्विटर पर अपनी राय रखते हैं और ट्वीट्स को रिट्वीट करते हैं, वह पिछले कुछ समय से दोनों नेताओं के ट्वीट्स को भी शायद अनदेखा कर रहे थे। 18 जून से 15 अगस्त के बीच केजरीवाल की ट्विटर टाइमलाइन पर नजर डाली जाए तो काफी कुछ साफ हो जाता है। इस अवधि के दौरान केजरीवाल ने आशुतोष के दो तथा खेतान के महज तीन ट्वीट को रिट्वीट किया था।
वहीं अपने इस्तीफे पर अब आशीष खेतान ने चुप्पी तोड़ते हुए ट्विटर पर सफाई दी है। खेतान ने लिखा है, ‘मैं एक पत्रकार रहा और जिसकी हमेशा कोशिश रही कि वह एक नागरिक के रूप में कार्य करे। समाज सेवा के उद्देश्य से मैंने पहली बार राजनीति में कदम रखा था। विगत दो वर्षों से मेरे मन में सवाल उठ रहा था कि क्या मुझे राजनीति में रहना चाहिए। इस साल की शुरुआत में मैंने अपने परिवार और खास मित्रों से सलाह कर सक्रिय राजनीति से दूर रहने का फैसला किया। हालांकि तब पार्टी और सरकार कई समस्याओं से जूझ रहे थे इसलिए मैंने अपना निर्णय लागू करने के लिए सही समय चुना। मैंने कई मौकों पर पार्टी नेतृत्व को अपने निर्णय के बारे में बताया था।’ खेतान ने ट्विटर पर शेयर किए गए इस पत्र में कई बातों का जिक्र किया है। खेतान ने लिखा है कि मैं अब कानून की पढ़ाई करना चाहता हूं और दोबारा लिखने-पढ़ने का काम करना चाहता हूं। पार्टी की तारीफ करते हुए खेतान ने लिखा है कि मुझे पार्टी, इसके सदस्यों तथा कार्यकर्ताओं से बहुत प्यार मिला जिसका मैं हमेशा ऋणी रहूंगा। वहीं चुनाव लड़ने के लिए सीट की मांग के चलते पार्टी छोड़ने की अफवाह पर खेतान ने लिखा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मेरे निर्णय को किसी इच्छा या सीट से जोड़ा जा रहा है। पार्टी ने मुझे आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने को कहा था, लेकिन मैंने विनम्रता से मना कर दिया।.. मैं अपनी पुरानी पार्टी के सभी साथियों को शुभकामना देता हूं।’