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अमेरिका अगले तीन महीने में रद्द करेगा एच-4 वीजा परमिट, भारतीयों की बढ़ेगी मुश्किल

नई दिल्ली ट्रंप प्रशासन ने शनिवार को अमेरिकी फेडेरल कोर्ट में कहा कि वह अगले तीन महीने में एच-4 वीजा धारकों का वर्क परमिट रद्द करना चाहते हैं। बता दें कि एच-1 बी वीजा धारकों के पति या पत्नी को काम करने के लिए एच-4 वीजा जारी किया जाता है। एच-4 वीजा धारकों में भारतीय पेशेवरों की संख्या अधिक है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपने कार्यकाल के दौरान एच-1 बी वीजा धारकों के जीवनसाथी को कानूनी तौर पर काम करने की मंजूरी दी थी। लेकिन ट्रंप प्रशासन इस नियम को समाप्त करने की तैयारी में है। सरकार के इस कदम से करीब 70 हजार एच-4 वीजा धारक प्रभावित होंगे। जिनके पास काम करने की अनुमति है। इस वीजा को यूएस सिटिजनशिप ऐंड इमिग्रेशन सर्विसेज (यूएससीआईएस) जारी करता है। यह एच-1 बी वीजा धारकों के निकट परिजनों के दिया जाता है। ट्रंप प्रशासन ने एक संघीय अदालत को बताया है कि एच4 वीजा धारकों के वर्क परमिट पर रोक लगाने पर निर्णय तीन माह के अंदर ले लिया जाएगा। एच4 वीजा एच-1बी वीजा धारकों के परिजन (पत्नी-पति और 21 साल से कम आयु के बच्चों) को दिया जाता है। पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के शासनकाल में इस नियम का सबसे ज्यादा लाभ भारतीय अमेरिकियों मिला था। नियम के प्रभावी होने से सबसे ज्यादा असर भारतीय महिलाओं पर पड़ेगा।

आंतरिक सुरक्षा मंत्रालय (डीएसएच) ने अपने नए हलफनामे में कोलंबिया के यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट को शुक्रवार को बताया कि वह रोजगार पाने की योग्यता होने की श्रेणी के रूप में एच-1बी गैर आव्रजकों के एच-4 परिजन को हटाने के प्रस्ताव पर ठोस और तेजी से प्रगति कर रहा है। डीएचएस ने कहा कि नए नियम तीन माह के अंदर व्हाइट हाउस के ऑफिस ऑफ मैनेजमेंट ऑफ बजट(ओएमबी) को भेज दिए जाएंगे। मंत्रालय ने अदालत से अनुरोध किया कि तब तक वह ‘सेव जॉब्स यूएस’ की ओर से दाखिल वाद पर अपने आदेश को स्थगित कर दे। ‘सेव जॉब्स यूएस’ अमेरिकी कर्मचारियों का संगठन है जिसका दावा है कि सरकार की इस प्रकार की नीति से उनकी नौकरियों पर असर पड़ा है। ओबामा प्रशासन के दौरान यह नीति तैयार की गई थी। ट्रंप प्रशासन फिलहाल एच-1बी वीजा पॉलिसी की समीक्षा कर रहा है। उसका मानना है कि कंपनियां अमेरिकी कर्मचारियों के स्थान पर दूसरे को नौकरियां देने के लिए इस नीति का दुरुपयोग कर रही हैं। ट्रंप प्रशासन सार्वजनिक तौर पर यह कह चुका है और अदालत में अवेदन में भी उसने स्पष्ट कहा है कि वह एच4 वीजा धारकों के वर्क परमिट को हटाना चाहता है। आंकड़ों के मुताबिक 25 दिसंबर, 2017 को यूएस सिटिजनशिप ऐंड इमिग्रेशन सर्विसेज ने 1,26,853 एप्लिकशन को रोजकार के लिए एच-4 वीजा के तहत मंजूरी दी थी। मई 2015 में कानून लागू हुआ था। एच-4 वीजा के तहत रोजगार पाने वालों में 93 फीसदी भारतीय हैं। इसके अलावा 5 फीसदी लोग चीन के हैं। वहीं बाकी के 2 फीसदी दुनिया के बाकी देशों से हैं।

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