श्रीनगर। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने शनिवार को कहा कि अनुच्छेद 35ए को अवश्य ही संविधान के अंग के रूप में रखा जाना चाहिए, ताकि कश्मीर के लोग भयभीत महसूस न करें। प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में सेंटर फॉर पीस ऐंड प्रोग्रेस की ओर आयोजित एक कार्यक्रम में मणिशंकर शनिवार को एक व्याख्यान दे रहे थे। उन्होंने कहा, ‘कश्मीरियों को पिछले 90 साल से जो अधिकार मिला हुआ है, उसको कायम रखना चाहिए, ताकि वे भयभीत महसूस न करें। यह हमारे संविधान में है और किसी को इसे रद्द करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। कुछ लोग अनावश्यक रूप से इस मसले को उभार रहे हैं, जिसमें किसी का हित नहीं है।’
अय्यर ने यह भी कहा, ‘मौजूदा समय में हम इस संबंध में कुछ नहीं कर सकते हैं, क्योंकि मामला सुप्रीम कोर्ट में है लेकिन मुझे उम्मीद है कि अदालत कोई भी फैसला लेने से पहले राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखेगी।’ उन्होंने कहा, ‘पिछली बार जब हम लोग यहां आए थे तो हमने हुर्रियत को भी न्योता भेजा था और बांदे साहब आए भी थे। फिर हम गए सबसे मिले, जो हमसे मिलना चाहते थे। कई लोग नहीं आ पाए क्योंकि सबको तो कैद करके रखा गया था। हालांकि, मैं यासीन मलिक से नहीं मिल पाया था। इस बार मैं आया तो मैंने एक दोस्त के माध्यम से यासीन मलिक से मिलने के लिए संपर्क किया, उनकी ओर से जवाब आया कि वह दिल्ली में मिलेंगे, यहां नहीं। मैं मानता हूं कि बाकियों की तरह हुर्रियत को भी बातचीत का हिस्सा बनाया जाना चाहिए।’