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पोलिव्रे ने जबरन वसूली से संबंधित अपराधों के लिए अनिवार्य जेल की सजा का प्रस्ताव रखा

सरे, बीसी। देश में जबरन वसूली की बढ़ती घटनाओं पर कड़ा रुख अपनाते हुए विपक्षी नेता पियरे पोलिव्रे का कहना है कि कंजर्वेटिव सरकार जबरन वसूली के दोषी किसी भी व्यक्ति के लिए न्यूनतम जेल की सजा अनिवार्य करेगी।
विपक्षी नेता ने शुक्रवार को कहा कि जबरन वसूली से संबंधित अपराध आसमान छू रहे हैं, कई प्रांतों में पुलिस व्यवसायों के खिलाफ संगठित अपराध की धमकियों से निपट रही है।
उन्होंने कहा कि सरे जैसे समुदायों में छोटे व्यवसायों को हिंसा, अपहरण, आगजनी और गोलीबारी के बढ़ते खतरों का सामना करना पड़ा है।
उन्होंने कहा, “यह पागलपन है और कैनेडा में ऐसा नहीं होना चाहिए।”
विपक्षी नेता ने २०२२ में आपराधिक संहिता में लिबरल सरकार के संशोधनों पर प्रकाश डाला, जिसमें विभिन्न अपराधों के लिए कुछ अनिवार्य न्यूनतम दंड को निरस्त कर दिया गया, जिसमें फायर आर्म्स के साथ जबरन वसूली के लिए न्यूनतम चार साल की सजा भी शामिल थी।
पोलिव्रे ने कहा कि कंज़र्वेटिव सरकार के तहत जबरन वसूली के दोषी किसी भी व्यक्ति को अनिवार्य रूप से न्यूनतम तीन साल की सजा दी जाएगी, और “गिरोहों या संगठित अपराध की ओर से काम करते हुए” पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति को पांच साल की सजा होगी।
पोलिव्रे ने यह भी कहा कि जबरन वसूली के मामलों में आगजनी को एक गंभीर अपराध माना जाएगा और लिबरल सरकार की कैच एंड रिलीज पॉलिसी को बदल दिया जाएगा।
गौरतलब है कि उनकी टिप्पणियां जबरन वसूली की धमकियों, गोलीबारी और आगजनी की बढ़ती घटनाओं के बीच आई हैं, जिनके बारे में तीन प्रांतों की पुलिस ने कहा है कि अपराधी मुख्य रूप से दक्षिण एशियाई स्वामित्व वाले व्यवसायों को लक्षित कर रहे हैं।
पोलिव्रे ने कहा कि कैनेडा को उन गिरोहों पर “मजबूत कार्रवाई” की जरूरत है जो उन कमजोर युवाओं को निशाना बनाते हैं जिनके परिवार आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, “वे अधिकारों और स्वतंत्रता के चार्टर का सम्मान करते हैं, और हम ऐसे कानून चाहते हैं जो सभी कैनेडियन लोगों के अधिकारों का सम्मान करें, विशेषकर अपराध के पीड़ितों के अधिकारों का।”
आपको बता दें कि कम से कम तीन प्रांतों की पुलिस दक्षिण एशियाई समुदायों में व्यापार मालिकों को निशाना बनाने वाली जबरन वसूली योजनाओं की जांच कर रही है, जांचकर्ताओं का कहना है कि यह रणनीति आमतौर पर भारतीय राज्य पंजाब में संगठित अपराध समूहों द्वारा अपनाई जाती है।

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