दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पिछले दिनों अपनी पार्टी के एक प्रदर्शन में कई बार दोहराया कि भाजपा चाहती है कि वे उनके साथ चले जाएं यानी भाजपा में शामिल हो जाएं। केजरीवाल ने दावा किया कि उनको बार बार भाजपा में शामिल होने का प्रस्ताव दिया जा रहा है और कहा जा रहा है कि अगर वे भाजपा में शामिल हो जाएं तो सारे मामले खत्म कर दिए जाएंगे। यही बात कुछ समय पहले उन्होंने अपने उप मुख्यमंत्री रहे मनीष सिसोदिया के लिए भी कही थी। पार्टी के प्रदर्शन में केजरीवाल ने कई बार यह भी कहा कि वे किसी हाल में भाजपा में नहीं जाएंगे।
इससे पहले उनकी पार्टी ने आरोप लगाया कि उसके सात विधायकों को २५-२५ करोड़ रुपए का प्रस्ताव दिया गया था।
सवाल है कि केजरीवाल को भाजपा में शामिल होने का प्रस्ताव किसने दिया है? किसने उनसे बात की है? क्या भाजपा के किसी नेता ने उनसे कहा कि वे पार्टी में शामिल हो जाएं या राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के किसी व्यक्ति से उनकी बात हुई है? क्या किसी कारोबारी ने उनसे संपर्क किया और कहा कि भाजपा में शामिल हो जाएं या किसी केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारी ने कहा? अगर सचमुच किसी ने केजरीवाल को भाजपा में शामिल होने का प्रस्ताव दिया है तो इससे बेहतर मौका क्या हो सकता है कि भाजपा को एक्सपोज करने का। वे क्यों नहीं लोगों को बता दे रहे हैं कि अमुक व्यक्ति ने संपर्क किया था? वे कोई फोन नंबर ही शेयर कर सकते हैं कि इस नंबर से उनको फोन आया था। उनके विधायकों को पैसे के ऑफर देने के मामले में तो दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा पीछे पड़ कर ऑफर देने वाले का नाम और फोन नंबर मांग रही है लेकिन केजरीवाल और उनकी पार्टी आरोप लगा कर चुप बैठे हैं।
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