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भारतीय वायु सेना को पहले सी-२९५ विमान की डिलीवरी मिली

नई दिल्ली,१४ सितंबर। भारतीय वायु सेना ने १३ सितंबर को स्पेन के एयरबस से अपने पहले सी-२९५ विमान की डिलीवरी ली। यह विमान भारतीय वायुसेना द्वारा अपने परिवहन बेड़े को आधुनिक बनाने के लिए ₹२१,९३५ करोड़ की परियोजना के तहत ऑर्डर किए गए ५६ ऐसे विमानों में से पहला है।
सी-२९५ एक ट्विन-टर्बोप्रॉप परिवहन विमान है जो ७० यात्रियों या ६० पैराट्रूपर्स को ले जा सकता है। इसकी अधिकतम सीमा ३,७०० किलोमीटर है और यह छोटे और बिना तैयार रनवे से संचालित हो सकती है। विमान विभिन्न प्रकार की एवियोनिक्स और आत्मरक्षा प्रणालियों से भी सुसज्जित है।
इसकी लंबाई २८.८ मीटर, पंखों का फैलाव ३२.८ मीटर और ऊंचाई १०.२ मीटर है। यह दो प्रैट एंड व्हिटनी कैनेडा पीडब्ल्यू१२७जी टर्बोप्रॉप इंजन द्वारा संचालित है, जिनमें से प्रत्येक २,५०० हॉर्स पावर का उत्पादन करता है। इसकी अधिकतम गति ५६० किलोमीटर प्रति घंटा और परिभ्रमण गति ४८० किलोमीटर प्रति घंटा है।इसकी सर्विस सीलिंग २५,००० फीट है। यह ११,५०० किलोग्राम तक का पेलोड ले जा सकता है।
भारतीय वायुसेना अपने पुराने हो रहे एवरो ७४८ विमानों के बेड़े को बदलने के लिए सी-२९५ का उपयोग करने की योजना बना रही है। एवरो ७४८ १९६० के दशक से भारतीय वायुसेना की सेवा में हैं और आने वाले वर्षों में सेवानिवृत्त होने वाले हैं।

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