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Government may increase custom duty, more than 30 goods may become expensive after the budget

कस्टम ड्यूटी बढ़ा सकती है सरकार, बजट के बाद महंगे हो सकते हैं ३० से अधिक सामान

नईदिल्ली,१३ जनवरी। केंद्र सरकार २०२३-२४ के आम बजट की तैयारी में लगी है। आने वाली १ फरवरी को वित्त मंत्री निर्मता सीतारमण अपने कार्यकाल का पांचवा आम बजट पेश करेंगी। केंद्रीय बजट में हर साल कई सामानों (वस्तुओं) और सेवाओं पर लगने वाले टैक्स को लेकर भी बदलाव की घोषणा की जाती है।
यही कारण है कि बजट की घोषणा के बाद कई बार कुछ सामानों की कीमतों में गिरावट आती हैं तो वहीं अगर बजट में जिन सामान और सेवाओं पर लगने वाले टैक्स को बढ़ाया जाता है तो उनकी कीमतों में इजाफा होता है। इस साल बजट के बाद कई सामानों के महंगे होने आशंका है। रिपोर्ट के मुताबिक इस बार के आम बजट के बाद करीब ३५ या उससे अधिक सामानों के भाव बढऩे वाले हैं क्योंकि इन पर लगने वाली कस्टम ड्यूटी को बढ़ाने पर सरकार विचार कर रही है।
अगर इस पर फैसला होता है और केंद्र की ओर से इन सामानों पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाई जाती है तो ये सामान बजट के बाद महंगे हो सकते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार इन वस्तुओं का आयात घटाने और देश में ही इन सामानों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कस्टम ड्यूटी बढ़ाने का ऐलान कर सकती है। ऐसा माना जा रहा है कि इस फैसले से सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ प्रोजेक्ट को भी बढ़ावा मिल सकता है।
रिपोर्ट के मुताबिक जिन सामानों पर कस्टम्स ड्यूटी बढ़ाने पर सरकार विचार कर रही है, उनमें प्राइवेट जेट, हेलीकॉप्टर, कई महंगे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, प्लास्टिक के सामान, ज्वैलरी, हाई-ग्लॉस पेपर और विटामिन आदि शामिल हैं। वहीं, कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मिनिस्ट्री ने बीते महीने ही विभिन्न मंत्रालयों से उन गैर-जरूरी वस्तुओं की लिस्ट बनाने को कहा था, जिनपर कस्टम ड्यूटी बढ़ाई जा सकती है।
रिपोर्ट की मानें तो केंद्र सरकार को उम्मीद है कि अगर इन सामानों पर कस्टम ड्यूटी को बढ़ाया जाएगा तो देश में इनके आयात में कमी आ सकती है, इससे दो फायदे होने की उम्मीद है- एक, देश को अपना चालू खाता घाटा कम करने में मदद मिल सकती है। दूसरा, इन सामानों के देश में ही उत्पादन अधिक होने की संभावना है।
इससे सरकार का मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट भी मजबूत हो सकता है। बता दें, वित्त वर्ष २०२३ की सितंबर तिमाही में देश का चालू खाता घाटा बढ़कर बीते ९ सालों के हाई लेवर था, यानी ४.४ प्रतिशत पर पहुंच गया था। बता दें कि १ फरवरी को पेश होने वाला बजट २०२४ के आम चुनाव से पहले मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट होगा।

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