नयी दिल्ली, ०१ जून। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वित्त वर्ष २०२२-२३ के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़े का हवाला देते हुये आज कहा कि ये आंकड़े वैश्विक चुनौतियों के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था की क्षमता को दर्शाते हैं।
वित्त वर्ष २०२२-२३ में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर ७.२ प्रतिशत रही है जबकि भारतीय रिजर्व बैंक ने इसके सात प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष सहित दुनिया भर की रेटिंग एजेंसियों ने इसके सात प्रतिशत से कम करने की बात कही थी।
श्री मोदी ने केन्द्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी जीडीपी के आंकड़े पर संतोष व्यक्त करते हुये कहा कि इस बेहतर प्रदर्शन के साथ ही कुल मिलाकर बनी आशावादी माहौल और वृहद अर्थव्यवस्था के संकेतों से हमारी अर्थव्यवस्था की क्षमता और लोगों के सार्मथ्य का पता चलता है।
इस बीच वित्त मंत्रालय ने जीडीपी के आंकड़े का हवाला देते हुये कहा कि पिछले वित्त वर्ष में भारत दुनिया का सबसे तेजी से बढऩे वाली अर्थव्यवस्था रहा है। मार्च २०२३ में समाप्त तिमाही में भी भारत दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ा है। निजी उपभोग और पूंजी निर्माण में लगातार हो रही बढोतरी के बल पर विकास को गति मिली है।
