काबुल,30 अगस्त। तालिबान के कार्यवाहक उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि अफगान महिलाओं को विश्वविद्यालय में पढ़ने की अनुमति होगी लेकिन उनके शासन में मिश्रित कक्षाओं पर प्रतिबंध रहेगा। पश्चिमी सेनाओं के निकलने के पहले ही 15 अगस्त को अफगानिस्तान पर कब्जा करने वाले तालिबान ने कहा है कि देश में लड़कियां यूनिवर्सिटी में पढ़ पाएंगी लेकिन वे लड़कों के साथ बैठकर नहीं पढ़ पाएंगी। पिछली बार जब तालिबान सत्ता में आया था तो उसने लड़कियों के पढ़ने पर प्रतिबंध लगा दिया था। 1996 से 2001 तक तालिबान ने अफगानिस्तान पर राज किया था लेकिन 9/11 के आतंकी हमले के बाद अमेरिका ने अफगानिस्तान पर हमला किया और तालिबान को सत्ता से बाहर कर दिया। उच्च शिक्षा के लिए कार्यवाहक मंत्री अब्दुल बकी हक्कानी के मुताबिक, “अफगानिस्तान के लोग शरिया कानून के मुताबिक पढ़ाई जारी रखेंगे तथा लड़के और लड़कियां अलग-अलग वातावरण में पढ़ेंगे।” उन्होंने कहा कि तालिबान “एक उचित और इस्लामी पाठ्यक्रम बनाना चाहता है जो हमारे इस्लामी, राष्ट्रीय और ऐतिहासिक मूल्यों के अनुरूप हो और दूसरी ओर अन्य देशों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम हो” लड़कियों और लड़कों को भी प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में अलग किया जाएगा जो कि पहले से ही गंभीर रूढ़िवादी अफगानिस्तान में आम था। तालिबान ने महिलाओं के अधिकारों में हुई प्रगति का सम्मान करने का वचन दिया है, लेकिन सिर्फ इस्लामी कानून की उनकी सख्त व्याख्या के मुताबिक। सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या महिलाएं काम कर सकती हैं, सभी स्तरों पर शिक्षा प्राप्त कर सकती हैं और पुरुषों के साथ घुलने-मिलने में सक्षम हो सकती हैं।
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