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whooping cough outbreak increased after corona in ontario

ओंटारियो में कोरोना के बाद काली खांसी का प्रकोप बढ़ा

कैनेडा, २८ मार्च। मौसम बदलते ही मौसमी बीमारियां सिर उठाने लगी है दक्षिण पश्चिम ओंटारियो में काली खांसी के मामले में अचानक वृद्धि देखी जा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को इस बीमारी के प्रति आगाह किया है साथ ही इस बीमारी में सांस लेने की समस्या को देखते हुए लोगों से टीके लगाने की अपील की है। काली खांसी विशेषकर बच्चों के लिए खतरनाक माना जाता है उन्हें बचाव के टीके लगाने का सुझाव दिया गया है।

 

साउथवेस्टर्न पब्लिक हेल्थ के स्वास्थ्य के चिकित्सा अधिकारी डॉ. निन्ह ट्रान ने दावा किया है कि जनवरी २०२२ से लेकर फरवरी २०२३ के मध्य काली खांसी के कुल ८२ मामले दर्ज किए गए हैं। २०२३ में अभी तक काली खांसी के २१ मामले सामने आए हैं जबकि २०२२ में केवल ३ मामले सामने आए थे। यहां के डॉक्टर नींद ट्रान ने बताया कि काली खांसी के ये मामले इस प्रांत के कुल ४०% के बराबर है। यह एक बड़ी संख्या है। निश्चित तौर पर यह एक चिंता का विषय है। गत वर्षों के दौरान इतनी बड़ी संख्या में काली खांसी के मरीज नहीं थे।

डॉक्टर ट्रान ने बताया कि काली खांसी सामान्य खासी से बिल्कुल अलग है। इसमें मरीज को सांस लेने के दौरान परेशानी होती है और एक विचित्र तरह की आवाज भी आती है। इससे बचाव के लिए टीका एक सशक्त उपाय है, लेकिन इसके प्रति लापरवाही इस बीमारी के बढ़ने के मुख्य कारणों में से एक है। ओंटारियो क्षेत्र में लोग काली खांसी के प्रति टीका लगाने के लिए उदासीन हैं। लोगों को इससे बचने के लिए टीका अवश्य लगाना चाहिए।

 

विंडसर-एसेक्स काउंटी हेल्थ यूनिट के विशेषज्ञ बताते हैं कि १२ महीने से कम उम्र के ऐसे छोटे बच्चों के लिए यह बीमारी खतरनाक हो सकती है जिन्हें टीका नहीं लगाया गया है। छोटे बच्चों में जटिलताओं के खतरे अधिक होते हैं । उन्हें अस्पतालों में भर्ती करने से लेकर उनकी मृत्यु तक का खतरा होता है। इसके लक्षणों के बारे में बताया कि काली खांसी से पीड़ित बच्चे उल्टियां करते हैं। अगर समय पर इलाज नहीं कराया जाए तो बच्चे और बुजुर्गों को निमोनिया से पीड़ित होने, डिहाईड्रेशन, मस्तिष्क को नुकसान पहुंचने और मृत्यु होने तक का खतरा रहता है। जिस प्रकार कोरोना संक्रमण से बचने के लिए लोगों ने टीके लगवाए वैसे ही काली खांसी से बचने के लिए भी सामुदायिक स्तर पर उन्हें काली खांसी के भी टीके जरूर लगवानी चाहिये।

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